बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार कर रही राम मंदिर का इस्तेमालः अमर्त्य सेन

नई दिल्ली। अयोध्या की विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण को लेकर इन दिनों पूरे देश में घमासान मचा हुआ है। मामले को लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने बड़ा बयान देते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है।

अमर्त्य सेन

एक निजी न्यूज चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में बोलते हुए सेन ने कहा कि लोगों का बेरोजगारी जैसे मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार राम मंदिर जैसे मुद्दों का इस्तेमाल कर रही है।

सेन ने कहा कि बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए आज राम मंदिर, सबरीमाला और गौरक्षा जैसे मुद्दे हैं। आर्थिक प्रगति की दर उच्च जरूर रही है, लेकिन इसके बावजूद गरीबों की जिंदगी बेहतर नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि आज काफी लोगो में मानव-रक्षा के बजाय गौरक्षा को लेकर दीवानगी देखने को मिल रही है। इसी तरह से काफी लोग आपको राम मंदिर के मुद्दे को लेकर उत्साहित दिखेंगे।

अमर्त्य सेन ने कहा कि राम मंदिर को अतीत का असाधारण निर्माण बताने और मानने वाले सनकी लोगों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह राम मंदिर जो कि पता नहीं था भी या नहीं, किसी ने देखा या नहीं देखा। पता नहीं बाद में वहां मस्जिद बनाई गई, जिसे तोड़ दिया गया और इसके बाद राम की कहानी को चारों ओर फैलाकर इसे इतिहास का अंग बना दिया गया। इसीलिए यह सारी बातें मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ही फैलाई जा रही हैं ऐसा लगता है।

बता दें कि राम मंदिर को लेकर मामला फिलहाल कोर्ट में है। वहीं दूसरी तरफ पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2019 की शुरूआत में ही अपना बयान देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि वह राम मंदिर मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे, जब तक यह मामला कोर्ट में है और इसकी न्यायिक प्रक्रिया चल रही है वह इसे लेकर संसद में किसी तरफ का अध्यादेश नहीं लाएंगे।

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वहीं दूसरी तरफ मंदिर समर्थकों की मोदी सरकार से मांग व उम्मीदें थी कि सरकार संसद में अध्यादेश लाकर राम मंदिर का निर्माण करवाए। मामले को लेकर कोर्ट द्वारा पिछली सुनवाई में अगली सुनवाई की तारीख देने के बाद भी काफी हंगामा मचा था।

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