जीएसटी 1 जून से लागू होगा!

 बिजनेस डेस्कवस्तु एवं सेवा करनई दिल्ली: बिजनेस डेस्कवस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू होने में दो या तीन महीने की देरी हो सकती है।अब जीएसटी 1 जून अथवा 1 जुलाई से लागू हो सकता है।जीएसटी से जुड़े दो करीबी लोगों ने यह जनकारी दी।

बिजनेस डेस्कवस्तु एवं सेवा कर लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2017 का लक्ष्य

सरकार ने जीएसटी लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2017 का लक्ष्य तय कर रखा है।

उम्मीद है कि जीएसटी से जुड़े कानून या नियमों को बजट सत्र के शुरुआती दिनों में पेश किया जा सकता है।

बिजनेस डेस्कवस्तु एवं सेवा कर का सितंबर 2017 तक हर हाल में लागू होना संवैधानिक मजबूरी है जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों का जीएसटी के अलावा किसी भी तरह के अप्रत्यक्ष कर वसूलने का अधिकार खत्म हो जाएगा।

जीएसटी के लिए बनने वाले कानून में होने वाली देरी के पीछे केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अधिकार की लड़ाई बड़ी वजह बनी हुई है। बिजनेस डेस्कवस्तु एवं सेवा कर,  कर सुधार की एक ऐसी पहल है जो पहली बार समूचे बजार को एक सूत्र में बांध देगा।

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लिए जाने वाले कर मसलन -उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट, प्रवेश शुल्क, लग्जरी टैक्स, मनोरंजन कर आदि जीएसटी में समाहित हो जाएंगे।

बिजनेस डेस्कवस्तु एवं सेवा कर को वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू करना आसान

बिजनेस डेस्कवस्तु एवं सेवा कर को वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू करना आसान हो जाएगा, क्योंकि इसे तब कभी भी लागू किया जा सकता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के प्रोफेसर एन. आर. भानुमूर्ति का कहना है कि 1 अप्रैल से जीएसटी का लागू होना संभव नहीं दिख रहा।

लेकिन यह है कि अगले वित्त वर्ष में इसे कभी भी लागू किया जा सकता है।

चूकि यह लेन-देन से जुड़ी कर व्यववस्था है तो इसे कभी भी लाई जा सकती है।

हां, इस साल के बजट में जीएसटी को लेकर राजस्व का अनुमान लगाना आसान नहीं होगा।

इसके आंकड़ों में काफी अशुद्धियां देखने को मिल सकती हैं।

फीसदी की न्यूनतम दर सामान्य वस्तुओं के लिए तय हुई है

इस साल के बजट में जीएसटी को लेकर राजस्व का अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण ’ केंद्र और राज्य सरकारों के बीच जीएसटी के प्रशासनिक अधिकार पर गतिरोध बरकरार है’ वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजस्व के लक्ष्य पर भी काम करना होगा

 बिजनेस डेस्कवस्तु एवं सेवा कर से जुड़े कानून को बजट सत्र के शुरुआत में पेश किया जा सकता है

फीसदी की अधिकतम दर तय की गई है लग्जरी श्रेणी के लिए

जेटली के नेतृत्व वाली अधिकार संपन्न जीएसटी परिषद सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, बैंकिंग, बीमा, नागरिक उड्डयन और रेलवे क्षेत्र के प्रतिनिधि से मुलाकात करेगी।

बैठक के दौरान सभी प्रतिनिधि अपनी प्रस्तुति भी देंगे।

इस दौरान नास्कॉम की भी जीएसटी परिषद से मुलाकात होगी।

नास्कॉम प्रतिनिधि बैठक में साफ्टवेयर क्षेत्र में कर व्यवस्था और नई जीएसटी व्यवस्था में एकल पंजीकरण के मुद्दे पर अपनी बात रखेगी। नास्कॉम अध्यक्ष आर. चंद्रशेखर ने कहा कि जीएसटी शुरू करने का समर्थन करते हैं, पर इससे आईटी कंपनियों के कामकाज पर असर नहीं पड़ना चाहिए

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