बजट 2020: जानिए इस बार क्या होगा खास, इस बार लगाई जा रही ये उम्मीदें

नई दिल्ली। आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से पहले सैलरी पाने वाले आयकरदाताओं को वित्त मंत्री से काफी आशाएं हैं। आयकर स्लैब का दायरा बढ़ाने से लेकर के टैक्स की दरों को तर्कसंगत बनाने की बातें हो रही है। डायरेक्ट डिवीडेंड टैक्स के तहत भी इस बात की सिफारिश वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की गई थी।

आयकर छुट मिलने की उम्मीदें

बजट में इस बार आयकर दाताओं को कर में छूट मिलने की उम्मीदे जताई जा रहीं है। पिछली बार जुलाई में पेश किए बजट में वित्त मंत्री ने पांच लाख तक की आय वालों को कर में छूट दी थी, लेकिन टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया था। ऐसे में अब लोगों को उम्मीद जागी है कि वित्त मंत्री टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती हैं।

मध्यम वर्ग को है उम्मीद

मध्यम वर्ग की आय कम होती है, लेकिन टैक्स का बोझ ज्यादा होता है। अभी आम आदमी सबसे ज्यादा आयकर का भुगतान करता है। अभी 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की आय पर पांच फीसदी टैक्स देना होता है। वहीं 5 से 10 लाख रुपये पर सीधे 20 फीसदी टैक्स दर लागू है। इससे करदाताओं पर सीधा असर पड़ता है। 5 से 10 लाख रुपये के लिए स्लैब को 20 फीसदी से घटाकर के 10 फीसदी करने की मांग वित्त मंत्री से करदाता कर रहे हैं।

क्या मैट- डीडीटी होगा खत्म

मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (मैट) और लाभांश वितरण कर (डीडीटी) खत्म किए जाने की संभावना है। सीबीडीटी सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता वाली प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) पर बनी समिति की रिपोर्ट में ऐसी कई सिफारिशें की गई हैं। इसके अलावा कमाई पर दोहरे कर का बोझ भी खत्म करने की सिफारिश की गई है।

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सरकार ने इससे पहले अप्रत्यक्ष कर के तहत जीएसटी में सुधार किया था। अब बारी प्रत्यक्ष कर की है। उद्योग जगत काफी दिनों से मैट और डीडीटी को हटाने की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि जब किसी उद्योग को कुछ समय के लिए कराअवकास का लाभ दिया जाता है तो ऐसे में उनसे मिनिमम अल्टरनेट टैक्स वसूलना एक तरह से उद्योग जगत पर बोझ बढ़ाना है। इसलिए इसे खत्म करना ही सही है।

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