फिर जानलेवा हुई दिल्ली, इस वजह लगातार बढ़ रहा है खतरा

नई दिल्ली। बढ़ती नमी और मंद हवा के कारण राष्ट्रीय राजधानी की समग्र वायु गुणवत्ता फिर से ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, अधिकारियों ने अपने अनुमान में इसके ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने की बात कही थी।

निजी मौसम अनुमान एजेंसी स्काइमेट के निदेशक महेश पलावत ने बताया, “उत्तरी मैदानी क्षेत्र में चक्रवाती स्थिति के चलते धीमी हवा के साथ नमी बढ़ी है, जिसके कारण दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।”

उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है, क्योंकि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बारिश के कारण नमी बढ़ने के आसार हैं।

महेश ने कहा, “13 से 14 जनवरी के आसपास सामान्य से लेकर घने कोहरे के होने की संभावना है, जिसके चलते प्रदूषण का उच्चस्तर देखने को मिल सकता है।”

वायु गुणवत्ता एवं मौसम अनुमान व अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने अपने दैनिक प्रदूषण विश्लेषण में कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी से नीचे नहीं गिरेगी।

हालांकि, दिल्ली के कई हिस्सों और आसपास के क्षेत्रों में दोपहर 12 बजे पर्टिक्युलेट मैटर (पीएम) 2.5 के साथ वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर दर्ज की गई।

आनंद विहार, द्वारका सेक्टर-8, आईटीओ, मुंडका, दिल्ली यूनिवर्सिटी नॉर्थ कैम्पस, आर.के. पुरम, वजीरपुर में पीएम 2.5 के साथ वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर दर्ज की गई।

अन्य इलाके जैसे जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, अशोक विहार, बुराड़ी क्रॉसिंग, विवेक विहार, सीरीफोर्ट, ओखला फेज-2 में भी इसी श्रेणी का वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने अनुमान में सप्ताहांत में दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिससे प्रदूषण स्तर में कमी देखने को मिल सकती है।

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