प्रधान न्यायाधीश पर चलेगा केस, लगे हैं ये गंभीर आरोप

नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाएगी।

सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश गोगोई पर एक पूर्व महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

बोबडे शीर्ष अदालत में प्रधान न्यायाधीश के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं और पैनल का गठन मंगलवार को किया गया।

समिति के गठन से परिचित एक सूत्र ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि जस्टिस एन.वी. रमन (शीर्ष अदालत में नंबर तीन के जज) और न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी को आरोपों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सूत्र ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने न्यायाधीश बोबडे से इस मुद्दे की अगुवाई करने के लिए कहा।

प्रधान न्यायाधीश द्वारा सर्वोच्च न्यायालय की एक पूर्व कर्मचारी के कथित यौन उत्पीड़न के बारे में रिपोर्ट 20 अप्रैल को प्रकाशित की गई थी।

सूत्रों ने कहा कि आरोपों के स्वरूपों के मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने मुख्य न्यायाधीश गोगोई के खिलाफ शिकायत के मामले में भविष्य में उठाए जाने वाले कदम को लेकर विस्तार से चर्चा की।

सर्वोच्च न्यायालय के वकील संघों ने सोमवार को मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर आवश्यक कदम उठाने के लिए एक ‘फुल कोर्ट’ के गठन की मांग की थी।

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पिछले हफ्ते, सर्वोच्च न्यायालय क एक पूर्व जूनियर महिला कर्मचारी ने 22 न्यायाधीशों को लिखित शिकायत भेजकर आरोप लगाया था कि प्रधान न्यायाधीश ने अक्टूबर 2018 में उसका यौन उत्पीड़न किया था ।

20 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने मामले पर तत्काल विशेष सुनवाई की और एक विशेष पीठ का गठन किया जिसमें प्रधान न्यायाधीश शामिल थे।

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