प्रत्यक्ष कर संग्रह अप्रैल-जून तिमाही में 14.8 प्रतिशत बढ़ा

प्रत्यक्ष कर संग्रहनई दिल्ली। प्रत्यक्ष करों का संग्रह के चालू वित्तवर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 14.8 प्रतिशत बढ़ा है और कुल 1.42 लाख करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है। सरकार ने कहा कि अब तक के अनंतिम आंकड़ों से यह पता चला है कि शुद्ध संग्रह 1.42 लाख करोड़ रुपये का हुआ है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में हुए शुद्ध संग्रह की तुलना में 14.8 प्रतिशत ज्यादा है। प्रत्यक्ष करों का शुद्ध संग्रह वित्तवर्ष 2017-18 के लिए प्रत्यक्ष करों के कुल बजट अनुमान (9.8 लाख करोड़ रुपये) का 14.5 प्रतिशत है।

हुआ बड़ा फेरबदल

वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ” जहां एक ओर कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) के तहत सकल संग्रह में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) सहित व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) के तहत सकल संग्रह में 12.9 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है।

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हालांकि, रिफंड के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह की शुद्ध वृद्धि 22.4 प्रतिशत और पीआईटी संग्रह की शुद्ध वृद्धि 8.5 दर्ज की गई। 55,520 करोड़ रुपये के रिफंड अप्रैल-जून 2017 के दौरान जारी किए गए हैं, जो वित्तवर्ष 2016-17 की समान अवधि में जारी किए गए रिफंड की तुलना में 5.2 फीसदी कम है।”

इसमें बताया गया कि इस साल 30 जून तक 58,783 करोड़ रुपये का अग्रिम कर प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में हुए अग्रिम कर भुगतान की तुलना में 11.9 प्रतिशत अधिक है। कॉरपोरेट अग्रिम कर में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि और व्यक्तिगत अग्रिम कर में 40.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

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