पंजाब के सीएम ने जल बंटवारे पर कोर्ट के फैसले को किया दरकिनार
अमृतसर: पंजाब में विधानसभा चुनाव सिर पर है और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पड़ोसी राज्य हरियाणा के साथ जल बंटवारे को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है।
बादल ने मंगलवार को पंजाब के 50वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक राज्यस्तरीय समारोह में कहा, “मेरी सरकार सतलुज-यमुना को जोड़ने वाली नहर (एसआईएल) के जरिए नदियों के जल बंटवारे पर किसी अदालत के फैसले को स्वीकार नहीं करेगी। पंजाब इसके लिए हर तरह का बलिदान देने को तैयार है।”
प्रकाश सिंह बादल ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में कहा, “इस अवसर पर मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं, भले ही इसे गलत समझा जाए.. इस मामले पर चाहे शीर्ष अदालत ही फैसला क्यों न दे, हम पानी की एक बूंद तक नहीं देंगे।”
उन्होंने कहा, “हम किसी भी बलिदान के लिए तैयार हैं। हम पंजाब वासियों को भूखों नहीं मरने देंगे।”
सर्वोच्च न्यायालय सतलुज-यमुना लिंक नहर मामले पर सुनवाई पूरी कर चुका है और जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है।
दोनों राज्यों की नदियों को जोड़ने वाली इस प्रस्तावित नहर को लेकर पिछले तीन दशक से विवाद चल रहा है। पंजाब लगातार कहता आ रहा है कि उसके पास दूसरे राज्यों को देने के लिए पानी नहीं है।
वहीं हरियाणा इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने का इंतजार कर रहा है। गौरतलब है कि हरियाणा में अक्टूबर, 2014 से भाजपा की सरकार है।
दूसरी ओर पंजाब में सत्तारूढ़ दल शिरोमणि अकाली दल के साथ भी भाजपा का गठबंधन है।