पोप फ्रांसिस ने कहा इस्लाम का हिंसा से लेना-देना नहीं

पोप फ्रांसिसइटली। पहली बार पोप फ्रांसिस ने आतंकवाद को इस्‍लाम से जोड़े जाने पर अपनी बात रखी है। पोलैंड से लौटते समय पोप ने पत्रकारों से कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस्लाम की तुलना हिंसा से करना ठीक है। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यूरोप अपने नौजवानों को आतंकवाद की तरफ धकेल रहा है।

पोप फ्रांसिस ने किया इस्लाम का बचाव

पोलैंड ट्रिप से रविवार को लौटते समय पोप फ्रांसिस ने विमान में ही संवाददताओं से बात की। पोप ने ने कहा, ‘यह सच नहीं है कि इस्लाम आतंकवाद है। मुझे नहीं लगता कि इस्लाम की तुलना हिंसा से होनी चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘लगभग सभी धर्मों में हमेशा कट्टरपंथियों का एक छोटा समूह होता है। अगर मैं इस्लामिक हिंसा पर बात करता हूं तो मुझे इसाई हिंसा की भी बात करनी चाहिए। मुझे रोजाना अखबारों में इटली में हिंसा दिखाई देती है। किसी ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर दी तो किसी ने सास की।’

आतंकी संगठन आईएस के आतंकियों ने पश्चिमी फ्रांस के एक चर्च में हमला कर बुजुर्ग पादरी की हत्या कर दी थी। मुस्लिम समूहों ने भी इस घटना के बाद रविवार को चर्च में इकट्ठा होकर आतंक के खिलाफ एकजुटता दिखाई।

इसी मामले में पोप फ्रांसिस ने यह बयान दिया। पोलैंड में कैथोलिक यूथ फेस्टिवल में शामिल होकर लौट रहे पोप ने कहा कि हिंसा को धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।

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