पॉलिश किया गया सफेद चावल बना मधुमेह जैसी बीमारियों का कारण

Polished white rice grains चावल को लोगों का मुख्‍य भोजन माना जाता है। चावल सेहत के लिहाज से भी उपयोगी माना जाता है। चावल  पचने में आसान होता है। चावल जितना पुराना हो उतना ही स्वादिष्ट और ओज से भरा होता है। चावल को सब्जी, मछली और मांस के साथ खाया जाता है। चावल में प्रोटीन, विटामिन और खनिज होते हैं। लेकिन चावल आपके लिए मुसीबत भी बन सकता है। आइए हम आपको विस्‍तार से इसकी जानकारी दे रहे हैं।

पॉलिश किया गया सफेद चावल बना मधुमेह जैसी बीमारियों का कारण

  • पॉलिश हुआ सफेद चावल व्यक्ति में ‘टाइप 2’ डायबिटीज की आशंका बढ़ा देता है।
  • शोधों के द्वारा हफ्ते में पांच बार से ज्यादा खाने से टाइप 2 डायबिटीज की आशंका बढ़ती है।
  • भूरे चावल को मिल में पालिश करके सफेद चावल बनाया जाता है।
  • मिल में चावल के रेसे, विटामिन और खनिज तत्व नष्ट हो जाते हैं।
  • पॉलिश किया गया चावल खाना आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक हो सकता है और इससे मधुमेह जैसी बीमारी होने की संभावना भी
  • रहती है। इसलिए पॉलिस किये गये सफेद चावल की तुलना में भूरा चावल खाना सेहत के लिए अच्‍छा होगा। आप बिना पॉलिश किया
  • चावल खा सकते हैं, यह मधुमेह के खतरे को कम करता है।

क्‍या कहता है शोध
पालिश किए हुए चावल के बारे में एक ऐसा शोध सामने आया है जो भारत सहित एशियाई देशों के तमाम लोगों को निराश कर सकता है। शोध के मुताबिक खाने में अधिक पसंद किया जाने वाला पॉलिश हुआ सफेद चावल व्यक्ति में ‘टाइप 2’ डायबिटीज की आशंका बढ़ा देता है। जबकि बिना पालिश का भूरा सा दिखने वाला चावल ‘टाइप 2’ डायबिटीज के खतरे को कम करता है।

पॉलिश किया गया सफेद चावल बना मधुमेह जैसी बीमारियों का कारण

भूरे चावल को मिल में पालिश करके सफेद चावल बनाया जाता है। इस वजह से इसके अधिकतर विटामिन और खनिज तत्व नष्ट हो जाते हैं। मिल में चावल के रेशे भी नष्ट हो जाते हैं। हारवर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक अध्ययन में पाया गया कि हफ्ते में पांच बार से ज्यादा सफेद चावल खाना टाइप 2 डायबिटीज की आशंका को बढ़ा देता है। वहीं भूरा चावल हफ्ते में कम से कम दो बार या उससे अधिक खाने से डायबिटीज की आशंका कम हो जाती है।

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टीम के प्रमुख शोधकर्ता वी सुन ने बताया, ‘पहली बार किसी अध्ययन में डायबिटीज पर पालिश और बिना पालिश के चावल के प्रभाव के बारे में बताया गया है।’ सून ने कहा, ‘हाल के दशकों में अमेरिका में चावल की खपत बहुत बढ़ गई है। हमारा मानना है कि सफेद चावल और दूसरे पॉलिश किए अनाज की जगह बिना पालिश के चावल को अपने खाने में शामिल किया जाए। इससे टाइप 2 मधुमेह की आशंका को कम किया जा सकेगा।’

भूरे चावल में सफेद चावल के मुकाबले अधिक रेशे होते हैं। उनमें खनिज, विटामिन और लाभदायक रसायनों की मात्रा भी ज्यादा होती है। इसको खाने के बाद खून में शुगर का स्तर भी सफेद चावल की तुलना में कम बढ़ता है। शोध के परिणाम ‘आर्काइव्स ऑफ इंटरनल मेडिसन’ जर्नल में प्रकाशित हैं।

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