पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले बचाने के लिए यू.पी सरकार का नया पैतरा

पूर्व मुख्यमंत्रियोंलखनऊ| उत्तर प्रदेश सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले बचाने के लिये पैतरा आजमाने में जुट गई है।

सरकार सुप्रीप कोर्ट के उस फैसलें की काट तलाश रही है, जिसमें उसने कहा था कि यू.पी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला दो महीने के भीतर खाली करना पड़ेगा।

पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले के लिए विशेष सत्र

सरकार एक तरफ शीर्ष अदालत में इसके फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कह रही है।

दूसरी तरफ इस फैसले से बचने के लिए इसी महीने विधानसभा का विशेष सत्र बुला भी सकती है।

सरकार अब इस बात पर विचार कर रही है कि इस अड़चन को दूर करने के लिए एक या दो दिन का विशेष सत्र बुलाकर कानून में ही संशोधन करा लिया जाए।

पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने के फरमान के बाद सरकार हरकत में आ गई है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जद में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह तक शामिल हैं।

सरकार विचार कर रही है कि विशेष सत्र के दौरान कानून में संसोधन कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला आवंटित करने के मसले को कानूनी तौर पर मजबूत कर दिया जाए।

कैसे दूर होगी अड़चन

सरकार विधानसभा का सत्र बुलाकर संबंधित कानून में संशोधन कर देती है और इस कानून को राज्यपाल की मंजूरी मिल जाती है।

तब शीर्ष अदालत का आदेश भी निष्प्रभावी हो जाएगा।

इस तरह पूर्व मुख्यमंत्रियों का बंगला उनके पास सुरक्षित रह सकेगा।

संभवता 19 या 20 अगस्त को सरकार इस मामले में एक या दो दिन का विशेष सत्र बुलाकर मामले को कानूनी तौर पर मजबूत करे।

ताकि आने वाले समय में सरकार के लिए और परेशानी न खड़ी हो।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्य सम्पत्ति विभाग के निदेशक बृजराज सिंह यादव ने कहा कि आदेश का अध्ययन किया जा रहा है।

इस पर विधिक राय लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

सरकार को इस बात का आभास है कि सर्वोच्च अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करने के बाद भी यू.पी सरकार के पक्ष में आदेश आने की संभावना कम ही है।

ऐसे में सरकार अब विशेष सत्र बुलाकर इस मामले को हल करना चाहती है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने भी मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी रहने के लिए जगह चाहिए।

सरकार इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।

बता दें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद से ही यू.पी के छह दिग्गज पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बंगला खाली करने का दबाव बढ़ गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह को 5 – विक्रमादित्य मार्ग, पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान गृहमंत्री राजनाथ सिंह को 4 – कालिदास मार्ग, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को 13ए – मॉल एवेन्यू, पूर्व मुख्यमंत्री एन.डी. तिवारी को 1ए – मॉल एवेन्यू, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को 2 – मॉल एवेन्यू, पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव को 12 – मॉल एवेन्यू आवंटित है।

देश की शीर्ष अदालत ने सोमवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि यू.पी के पूर्व मुख्यमंत्री जीवनभर सरकारी बंगले में नहीं रह सकते।

पूर्व मुख्यमंत्री दो महीने के भीतर सरकारी बंगला खाली करें।

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