पुलिस के हाथ लगा सब इंस्पेक्टर का कातिल, बेरहमी से की थी हत्या…

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर राजकुमार को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारने वाला कातिल पुलिस के हत्थे चढ़ गया है।  आरोपी बदमाश की पहचान भूरी के रूप में हुई है।  लेकिन उसके खिलाफ कई थानों में दर्जनों मामले दर्ज है।  जहां उसे थाना पुलिस ने इलाके का बीसी घोषित कर रखा है।   एसआई के मर्डर के बाद से ही पुलिस उसे तलाश कर रही थी।

 

हत्या

बता दें की डीसीपी मेघना यादव ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि सब इंस्पेक्टर राजकुमार दिल्ली पुलिस के कम्युनिकेशन विभाग में तैनात थे। वो अपने परिवार के साथ कस्तूरबा नगर में रहते थे। जहां उनकी बेटी ने बताया कि पापा रोज खाना खाकर वॉक करने जाते थे।  जहां रविवार को भी वो घर से बाहर गए थे।

लेकिन जब वो लौटकर घर आए तो उनके कपड़ों पर खून लगा । जहां उनके चेहरे पर चोट थी. उन्हें घर वाले फौरन अस्पताल ले गए. लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। डीसीपी के मुताबिक अभी उनकी मौत की वजह साफ नहीं है। जहां उसका खुलासा पोस्टमार्टम आने के बाद होगा।

देखा जाये तो डीसीपी मेघना ने बताया कि आरोपी भूरी पकड़ा गया है. जब इंस्पेक्टर राजुकमार से उसकी लड़ाई हुई तो वह अपने दोस्त के साथ मौका-ए-वारदात पर था।

लेकिन आरोपी भूरी का घर मृतक एसआई राजकुमार के आस-पास ही है। वहीं पास पड़ोस में रहने वाले लोगों के मुताबिक रविवार को एसआई राजकुमार बदमाश भूरी का वीडियो बना रहे थे। जहां इसी बात को लेकर उन दोनों के बीच झगड़ा हुआ था।

देखा जाये तो पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज कर लिया है. डीसीपी ने बताया कि जहां घटना हुई है, उस इलाके में पुलिस बूथ भी बनाया गया है। अवैध शराब की धरपकड़ के लिए स्थानीय थाना पुलिस लगातार अभियान चला रही है।  विवेक विहार थाने के SHO भी लगातार निगरानी कर रहे हैं।

डीसीपी ने कहा कि एसआई राजकुमार कभी ऐसी शिकायत करने के लिए विवेक विहार थाने नहीं गए. और अगर ऐसा कुछ था तो उसकी जांच की जा रही है. मृतक एसआई के फोन की भी जांच हो रही है।  लेकिन डीसीपी ने माना कि हर जगह थोड़ी बहुत अवैध शराब बिकती है. पुलिस का काम है उसे रोकना. पुलिस ऐसे मामलों में एक्शन लेती है।

मेघना यादव के अनुसार आरोपी भूरी जेल में बंद था। लेकिन बीते अप्रैल माह में ही वो जेल से बाहर आया और अवैध धंधों में लिप्त हो गया। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में 15 से 16 मुकदमे दर्ज हैं।

 

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