पीएम मोदी ने चीन को दिया संदेश, एशिया प्रशांत क्षेत्र पर बताया भारत का विजन…

दूसरी पारी की पहली विदेश यात्रा पर मालदीव पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां की संसद ‘पीपुल्स मजलिस’ को संबोधित करते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खुलेपन, संतुलन और आतंकवाद के खिलाफ ग्लोबल कॉन्फ्रेंस आयोजित किए जाने का आह्वन किया.

मोदी

बता दे की यहां एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की दबंगई के खिलाफ तमाम देशों को एकजुट करने की हुंकार भरी. वहीं आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला.

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प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव की मजलिस यानी संसद में दमदार स्पीच दी. उन्होंने यहां चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर दोनों पर जमकर निशाना साधा.

पीएम मोदी ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के एकाधिकार को चुनौती देंगे. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को टारगेट करते हुए कहा कि आज राज्य प्रायोजित आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने का आह्वान किया और कहा कि यदि देरी हुई तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी.

 

दरअसल मालदीव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को कड़ा संदेश दिया. एशिया प्रशांत क्षेत्र में दबंगई दिखाने वाले चीन को प्रधानमंत्री मोदी ने बता दिया कि इस क्षेत्र पर उसके एकाधिकार का मंसूबा कामयाब नहीं होगा. भारत इस क्षेत्र के तमाम देशों को उसकी दबंगई के खिलाफ एकजुट करेगा.

हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर चीन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में बहुत से अनुत्तरित प्रश्न अनसुलझे विवाद जीवन रेखा और व्यापार मार्ग है.

यह हमारे साझा भविष्य की कुंजी है. पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने जून 2018 में सिंगापुर में भी कहा था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खुलेपन, एकीकरण और संतुलन कायम करने के लिए सबके साथ काम करने पर जोर दिया था. ऐसा करने से ही राष्ट्रों के बीच विश्वास बनेगा. तभी मल्टीलैटरलिज्म कायम रहेंगे.

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के इकलौते दावे को खारिज करते हुए पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि इस क्षेत्र के लिए उन्होंने सागर का जो विजन दिया था उससे भारत न डिगा है ना डिगेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 4 साल पहले सागर यानि समुद्र (SAGAR: सिक्युरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) इस विजन और प्रतिबद्धता को रेखांकित किया था. भारत अपनी क्षमता का इस्तेमाल केवल अपने विकास के लिए नहीं इस क्षेत्र के देशों की सुरक्षा और संपन्नता विकास के लिए भी करेगा.

पीएम मोदी ने इसमें मालदीव का साथ मांगा. वो ये बखूबी जानते हैं कि चीन भी मालदीव जैसे देशों पर डोरे डाल रहा है. लिहाजा उन्होंने दोस्ती की भावना को पुरजोर तरीके से दोहराया और कहा कि दोस्ती में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘समर्थ सशक्त भारत पूरे विश्व में शांति का आधार स्तंभ होगा.’

आतंकवाद को लोकर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद सिर्फ एक देश या एक क्षेत्र के लिए नहीं, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए चुनौती है. ऐसा कोई दिन नहीं है, जब आतंकवादी हमले नहीं कर रहे हैं.

लेकिन उनके पास बैंक खाते नहीं हैं, फिर भी उनके पास पैसे की कमी नहीं है. वे आखिर पैसा कहां से पाते हैं, कौन उन्हें देता है. राज्य प्रायोजित आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है.’

विश्व शांति पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की दबंगई के खिलाफ पड़ोसी देशों को एकजुट करने के मकसद से पीएम मोदी ने पहले मालदीव और फिर श्रीलंका के दौरे का प्लान बनाया. इस मंत्र के साथ पीएम मोदी दोनों देशों के दौरे पर हैं.

 

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