पीएम के संबोधन से सातवें आसमान पर पहुंचा किसानों का पारा, लिया नोटबंदी से भी बड़ा फैसला
छत्तीसगढ़। नये साल के आगमन से एक दिन पूर्व हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के नाम संबोधन से किसान खासा नाराज है। छत्तीसगढ़ के किसानों का आरोप है कि पीएम मोदी को देश के किसानों को कोई फिक्र नहीं है। उन्होने अपने संबोधन में सभी का ध्यान रखा लेकिन किसानों से मुँह फेर लिया है।
किसानों ने अपना दर्द बंया करते हुए बताया कि सब्जियों के उत्पादन को बाजार नहीं मिल रहा है और दामों में भी काफी फर्क है। ऐसे में राजधानी के परेशान किसानों ने बूढातालाब धरना स्थल पर एक लाख किलो सब्जी मुफ्त बांटने का निर्णय लिया है। किसानों द्वारा अचानक लिए गये इस फैसले से हर कोई हैरत में है।
पीड़ित किसानों ने बताया कि दो जनवरी को छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ के बैनर तले प्रति व्यक्ति पांच किलो सब्जी मुफ्त बांटी जाएगी।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष हितेश वरू व उपाध्यक्ष प्रवीण चावड़ा ने बताया कि राज्य में सब्जियों के अत्यधिक उत्पादन एवं फ्रूट प्रोसेसिंग युनिट की कमी के कारण किसानों को उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा है। जल्द ही उनका संघ राज्य सरकार को राशन की दुकानों में सब्जी बेचने का प्रस्ताव भी देगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि सब्जी मुफ्त में बेचने का निर्णय राजधानी के धरना स्थल पर सोमवार सुबह 11 बजे लिया गया है। उन्होंने राजधानीवासियों से आग्रह किया है कि वे थैला लेकर आएं और मुफ्त में सब्जी ले जाएं।
किसानों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि फसलों को जमींदोज करने से अच्छा है कि जनता को मुफ्त में बांटा जाए। हितेश बताया कि बैंगन, गोभी, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों का लागत मूल्य नहीं मिल रहा है। जिससे परेशान प्रदेश के सभी जिलों के किसान अपनी-अपनी सब्जियां लेकर राजधानी में जुटेंगे।
अध्यक्ष वरु ने बताया कि जैसे प्याज की कीमत आसमान छूने लगी थी तो सरकार ने राशन दुकानों के माध्यम से प्याज बेचकर जनता को बिचौलियों से राहत दी थी। उसी तरह संघ की मांग है कि राज्य सरकार सब्जियों को भी राशन दुकानों के माध्यम से बेचने की व्यवस्था करें और बिचौलियों से मुक्ति मिल सके।
संघ की मांग है कि राज्य सरकार सब्सिडी देकर किसानों को दुकानें उपलब्ध कराए जिससे किसान बाजार में अपनी सब्जी खुद से बेचकर पैसे कमा सकें।
अध्यक्ष का कहना था कि मंडी में बेचने पर भी किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा और उनकी विक्रय की समस्याएं बढ़ती जा रही है। संघ ने राज्य शासन से मांग की है कि उनको उत्पादन का उचित मूल्य दिलाया जाय और बिजली बिल, ऋण अदायगी, बैंक ऋण पर ब्याज माफी की अवधि बढ़ाई जाए। राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों एवं शक्कर कारखाना स्थापित करने की मांग शासन से करेंगे।