पीएफ घोटालाः बारह फर्जी कंपनियों से कराया गया निवेश, ऐसे हुआ खुलासा

रिपोर्ट- उमेश मिश्रा

लखनऊः उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड यू पी पी सी सी एल कर्मचारियों के पीएफ घोटाले की जांच में खुलासा हुआ है कि रक़म बारा फर्ज़ी ब्रोकर कम्पनियों के सहारे दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड डी एच एफ एल में निवेश की गई है ईओडब्ल्यू के डीएलएफ में निवेश की पत्रावली पर जिन जिन लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं उन सभी से सवाल किए जाएँगे जांच के दौरान जानकारी हुई है कि कुल चौदह ब्रोकर फर्मों ने निवेश करने में योगदान दिया था इन में से बारह ब्रोकर फर्म ऐसी थी जिन्होंने केवल यूपी पीसीएलऔर डी एल एफ के बीच निवेश करने के लिए काम किया।

फर्जी पतों पर कम्पनियां

जिन 12 ब्रोकर कम्पनियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है वे सभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उससे सटे अन्य राज्यो की हैं। इनमें से एक फर्म का, भौतिक सत्यापन कराया। गया तो पता फर्जी पाया। गया दिलचस्प बात। यह है कि उक्त ब्रोकर कम्पनियों में एक ब्रोकर ऐसा भी है जिसका तीन या उससे अधिक ब्रोकर फर्म में, नाम है। ये सभी फर्म यूपीपीसीएल और डी एच एल एफ के बीच निवेश करने, के सौदे में शामिल थे।

द्विवेदी गुप्ता फिर भेजे गए जेल

यूपीपीसीएल के तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी और महाप्रबंधक पीके गुप्ता के रिमांड की निर्यात पूरी हो गई है इन दोनों को फिर से जेल भेज दिया गया वहीं एपी मिश्रा का रिमांड रविवार सुबह दस बजे पूरा हो रहा है इसके बाद उन्हें जेल में दाखिल कर दिया जायेगा पीके गुप्ता के आगरा स्थित आवास से बरामद डायरी दो मोबाइल और लैपटॉप की जांच की जा रही

पॉवर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल से भी होगी पूछताछ

पीएफ के पैसे को डी एच एल या फेयर में निवेश करने के मामले में पावर कॉरपोरेशन के पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल की भूमिका भी मिली है ईओडबलू उनसे पूछताछ करेगी वह जल्द ही उन्हें लखनऊ बुला सकती है इस मामले में शनिवार को यूपी पीसीएल एक मौजूदा और एक पूर्व लेखा अधिकारी से भी पूछताछ की गयी है जल्द ही कुछ और कर्मचारियों से पूछताछ की जा सकती है।

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