पाकिस्तान के बंटवारे के लिए पीएम मोदी से मांगी मदद

पाकिस्तान के बंटवारेजेनेवा। साल 1971 में जिस तरह भारत की मदद से पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना, उसी तरह फिर पाकिस्तान के बंटवारे के लिए आवाज उठी है।

यह आवाज बलूचिस्तान के लिए उठाई गई है। पाकिस्तान से निर्वासित सबसे बड़े बलूच नेता ब्रहुमदग बुग्ती ने भारत समेत अंततराष्‍ट्रीय समुदाय से बलूचिस्तान की आजादी के लिए मदद मांगी है।

पाकिस्तान के बंटवारे की मांग

उन्होंने कहा है कि अंततराष्‍ट्रीय समुदाय अगर लीबिया और सीरिया के मामलों में दखल दे सकता है तो उसे बलूचिस्तान के बारे में भी सोचना हेागा।

ब्रहुमदग बुग्ती का यह बयान ऐसे समय आया है, जब दो पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में बलूचिस्तान के बिगड़े हालात पर अपनी राय दी थी।

माना जा रहा है कि ब्रहुमदग बुग्ती भारत सरकार से मदद मांग रहे है। अकबर खान बुग्ती के पौत्र ब्रहुमदग बुग्ती ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है, ‘बलूचिस्तान में लोग बेसहारा हैं। अपने ही देश ने हमारे साथ यह व्यवहार किया है।‘

उन्होंने कहा, ‘अपने ही देश में हमें आतंकवादी कहा जाता है। हम पर भारत से मदद लेने का आरोप लगाया जाता है। मैं दुनिया के दूसरें मुल्कों से कहना चाहूंगा कि एक बार बलूचिस्तान आकर यहां का हाल देखें।’

उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की आर्मी बलूचों को मार रही है। बलूच किसानों पर बम दागे जा रहे हैं। हम पर भारत के साथ नाटो देशों से मदद लेने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

ब्रहुमदग बुग्ती ने बताया कि पाकिस्तान के हुक्मरान बलूचिस्तान के लोगों का खात्मा कर देना चाहते हैं। इसके लिए चीन की मदद भी ली जा रही है। बीते दस साल से बलूच लोग पाकिस्तान की सेना और सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। अब उन्हें इंसाफ की चाहत है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सरकारें बदलती हैं। सेना भी राज करती है। लेकिन बलूचिस्तान के बारे में आज तक किसी ने नहीं सोचा। सभी का रवैया एक जैसा है।

बुग्ती ने बताया कि उनके दादा कहते थे कि यह सब पाकिस्‍तान और चीन की मिलीभगत है। इस बारे में पाकिस्तान की मीडिया में भी कभी-कभार खुलासे होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘सिर्फ बलूचिस्तान में मीडिया पर पाबंदी है। यहां किसी तरह के एनजीओ को भी एंट्री नहीं दी जाती है। यहां के लोग लगातार अगवा हो रहे हैं। लेकिन किसी को हमारी फिक्र नहीं है।’

पाकिस्तान के बंटवारे का मामला अब यूरोपीय यूनियन में

अब यह मामला यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन में उठाया जाएगा। यह काम संगठन में बलूचिस्तान के प्रतिनिधि मेहरान मर्री करेंगे। मर्री ने भी बलूचिस्तान में पाकिस्तान की दखल को लेकर जबरदस्त हमला किया है।

मर्री ने पकिस्तान पर पीओके में तानाशाही करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मैं संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान के मुद्दे को उठाउंगा। बता दें कि मेहरान मर्री पीओके के बलूचिस्तान के रहने वाले हैं।

मर्री ने कहा कि बलूचिस्तान के हालात काफी गंभीर है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी आर्मी का अभियान बेरोक-टोक जारी है, जोकि पीओके की जनता पर काफी अत्याचार कर रही है।

मर्री ने नवाज शरीफ को बलूचिस्तान के हालात का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जब से पाकिस्तान में शरीफ की सरकार बनी है। तब से बलूच की जनता पर सेना के अत्याचार बढ़ गए है। सेना कभी भी युवाओं का अपहरण कर लेती है।

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