MP के चुनाव में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, कांग्रेस नहीं बल्की इससे हारी भाजपा

नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए चुनाव में बीजेपी कांग्रेस से पीछे नजर आई है। हालांकि बीजेपी ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कांग्रेस को बधाई दी है। लेकिन इसके बाद बीजेपी अपनी हार के कारणों पर मंथन अवश्य करेगी। देश के तीन मुख्य राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में बीजेपी की हार के पीछे छिपे चौंकाने वाले कारणों का खुलासा हुआ है।


इन राज्यों में बीजेपी को कांग्रेस से ज्यादा ईवीएम मशीन पर दिए गए नोटा के विकल्प ने चोंट पहुंचाई है। चुनावों के बाद आए आंकड़ों पर अगर गौर करें तो इन चुनावों में लोगों ने बड़ी मात्रा में नोटा के विकल्प को चुना है। नोटा का विकल्प चुनने वाले वोटर का वोट किसी भी पार्टी के लिए काउंट नहीं किया जाता है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना जताई जा रही है कि बड़ी संख्या में जिन वोटर्स ने नोटा का विकल्प चुना है वो बीजेपी के पक्ष में वोट डालने वाला वोटर वर्ग है।

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जोकि फिलहाल राम मंदिर से लेकर एससी एसटी समेत किसान आंदोलन के मुद्दों पर बीजेपी से खफा है। ऐसे में इस वर्ग ने बीजेपी के खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए नोटा का विकल्प चुना। जिसका फायदा सीधे-सीधे कांग्रेस को हुआ। ऐसे में यह चुनाव परिणाम बीजेपी की आंखे खोलने वाले साबित हो सकते हैं कि वह जनता की नाराजगी समझकर अपनी नीतियों में सुधार करते हुए देश में चल रहे कुछ प्रमुख मुद्दों पर ठोस फैसले लेकर अपने इस खास वोटर वर्ग की नाराजगी दूर करे।

जानिए किस तरह नोटा ने बीजेपी को रखा जीत से दूर

खबरों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में नोटा ने 22 सीटों पर चुनाव प्रभावित किया है और इसकी चपेट में बीजेपी के चार मंत्री भी आ गए। हालांकि बीजेपी और कांग्रेस को प्राप्त मतों में महज 1 फीसदी का अंतर रहा। वहीं 1.4 फीसदी यानी 5.4 लाख मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। ग्वालियर दक्षिण सीट पर हार जीत का मार्जिन 121 वोट का रहा। इस सीट पर कांग्रेस के प्रवीण पाठक ने बीजेपी के नारायण सिंह कुशवाहा को 121 वोटों से हराया जबकि यहां पर 1550 लोगों ने नोटा का बटन दबाया।

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वहीं दामोह में वित्त मंत्री जयंत मलैया महज 799 वोट से हार गए, जबकि वहां पर 1299 वोटर्स ने नोटा दबाया। बुरहानपुर में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अर्चना चिटनिस 5120 वोटों से हार गईं जबकि 5,700 नोटा पर वोट पड़े। मध्य प्रदेश में कम से कम 11 सीटें ऐसी हैं जहां नोटा ने बीजेपी प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ा दिया।

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