पर्यटन: रत्नागिरी के साथ करें इन शानदार ऐतिहासिक जगहों की सैर

महाराष्ट्र के रत्नागिरी शहर का नाम प्राचीन ऐतिहासिक महत्वपूर्ण पर्यटनों में शुमार है। प्राचीन विरासतों के साथ रत्नागिरी राजा-महाराजाओं का स्थान माना जाता है। महाराष्ट्र का यह खूबसूरत शहर तीनों ओर से अरब सागर से घिरा हुआ है। समुद्री तटों, मंदिरों, किलों और लजीज पकवान के अलावा इस शहर को वनस्पतियों और जीवों का प्राकृतिक आशीर्वाद प्राप्त है। अगर आप साहसिक होने के साथ-साथ प्रकृति प्रेमी है तो आपके लिए यह स्थान आदर्श है और आपको अपनी पूरी जिंदगी में एक बार इस स्थान को जरूर घूमना चाहिए। तो चलिए जानते है पर्यटन के लिहाज से यह स्थान आपको किस तरह आनंदित कर सकता है।

गुहागर बीच

यह बीच रत्नागिरी से करीब 8 किमी की दूरी पर है। यह बीच सबसे शांत समुद्री तट है। अगर आपको शांति का वतावरण पसंद है तो आप इस बीच की सैर कर सकते हैं।  पूर्व में सह्याद्री पर्वत श्रृंखला और पश्चिम में अरब सागर इस समुद्री तट को भौगोलिक रूप से संवारने का काम करते हैं। गुहागर समुद्र तट अपने सुहावने मौसम और शांत पानी के लिए जाना जाता है। बीच से कुछ ही दूरी पर आप यहां के सजीज पकवानों का भी आनंद उठा सकते हैं।

गणपतिपुले बीच

गुहागर बीच के अलावा आप यहां के गणपतिपुले बीच का भी आनंद उठा सकते हैं। यह बीच रत्नागिरी से 28 किमी की दूरी पर स्थित है। इस समुद्री तट को सबसे ज्यादा निहारा जाता है। इस तट का नाम हिन्दू देवता भगवान गणेश के नाम पर रखा गया है, क्योंकि इस तट के पास एक गणेश भगवान का मंदिर भी स्थित है। गणपतिपुले बीच आस्था और रोमांच का एक अद्वितीय मिश्रण है। इस तट से सूर्यास्त की धीमी लालिमा निहारना काफी मनोरम लगता है। आप यहां स्वादिष्ट व्यंजनों का भी आनंद उठा सकते है।

श्री देवी भगवती मंदिर

घूमने फिरने के बाद आप यहां के देवी भगवती मंदिर के दर्शन का प्लान बना सकते हैं। माता का यह भव्य मंदिर रत्नागिरी के प्राचीन किले के अंदर था। एक वीरान किले के अंदर होने के बावजूद यह मंदिर स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर की चित्रित दीवारें,मूर्तिया और पत्थर सैलानियों का ध्यान अपने ओर खींचती है। नवरात्रि के दौरान यहां का नजारा देखने लायक होता है, जिसका हिस्सा बनने के लिए दूर-दूर से भक्त और पर्यटक आते हैं।

मार्लेश्वर मंदिर

श्री देवी भगवती मंदिर के अलावा आप यहां के मार्लेश्वर मंदिर का भी दर्शन का प्लान कर सकते हैं। यह मंदिर शहर के बाहर स्थित है। यह प्राचीन धार्मिक स्थल सदाबहार जंगलों के बीच एक अलग पहाड़ी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में हमेशा नाग देवता विराजमान रहते हैं। खास बात यह है कि यहां आने वाले किसी भी भक्तों कतो इन सापों ने कोई हानि नहीं पहुंचाई है। इसलिए यहां आने वाले श्रद्धालु बिना डरे शिवलिंग पर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करते हैं। यहां का प्राकृतिक वातावरण बहुत हद तक प्रभावित करता है। यहां कई जगह झरने भी मौजूद हैं।

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