मुशर्रफ का खुलासा सुन शर्मशार होगा पाकिस्तान, अपने ने ही की देश की मिट्टी से गद्दारी

परवेज मुशर्रफइस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने बड़ा खुलासा किया है। मुशर्रफ ने दावा किया है कि हाल ही में रिटायर हुए पाक सेना प्रमुख राहील शरीफ ने उन्हें देश से बाहर छोड़कर बाहर जाने में मदद की थी। मुशर्रफ पाकिस्तान से मार्च 2016 में इलाज के बहाने देश से निकले थे।

मुशर्रफ ने सोमवार रात पाकिस्तान के चैनल दुनिया न्यूज पर कहा, “मैं उनका बॉस था, उन्होंने (राहील शरीफ) मदद की और मैं यह बेलाग बोल सकता हूं। इसके लिए मैं उनका आभारी भी हूं। मेरे खिलाफ सारे मामलों का राजनीतिकरण हो गया था। मेरे देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई थी। मेरे खिलाफ चल रहे केस को राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया।”

इलाज कराने की बात कहकर मार्च 2016 में परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान से निकले थे। उन्होंने चार से छह हफ्तों में देश लौटने का वादा किया था, लेकिन अब तक नहीं लौटे हैं। उनके खिलाफ राजद्रोह और हत्या के मामले चल रहे हैं। उनके खिलाफ 62 गवाह बेनजीर की हत्या के मुकदमे में तो अभियोजन पक्ष पेश किए हैं।

चैनल के कार्यक्रम में मुशर्रफ से पूछा गया कि किस तरह राहील शरीफ ने उनकी मदद की, तो जवाब में उन्होंने कहा कि रहील ने “अदालतों को अपने प्रभाव में लिया।”

इसके बारे में और बताते हुए उन्होंने कहा, “अफसोस है कि लोगों को यह कहना पड़ता है। ऐसा कहना तो नहीं चाहिए, लेकिन हमारी न्याय व्यवस्था को हद और इंसाफ की ओर आ जाना चाहिए।”

परवेज मुशर्रफ ने कहा, “अदालतें पर्दे के पीछे दबाव में आकर काम करती हैं और तब फैसला सुनाती हैं। मेरे खिलाफ कार्रवाई करने करने के लिए पर्दे के पीछे अदालतों पर जो राजनैतिक दबाव था, उसे रहील शरीफ ने हटाया था।”

यह पूछे जाने पर कि किसके दबाव को जनरल शरीफ ने हटाया था, मुशर्रफ ने कहा, “जजों पर से नहीं, बल्कि सरकार पर से। अदालतों पर सरकार ने मेरे खिलाफ कार्रवाई के लिए जो दबाव बनाया था, उसे (जनरल शरीफ ने) हटाया।”

मुशर्रफ ने पाक सेना से हाल ही में रिटायर हुए प्रमुख रहील शरीफ की भूमिका के बारे में बताते हुए कहा, “एक बार जब रहील शरीफ ने सरकार को मेरे खिलाफ कोर्ट पर दबाव न देने के लिए राजी किया, उसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया और मुझे इलाज के लिए देश के बाहर जाने की इजाजत दे दी।”

मुशर्रफ ने साल 1999 में नवाज शरीफ सरकार का तख्ता पलट किया था और खुद पहले देश के सैनिक शासक और फिर राष्ट्रपति बन गए थे। नवाज शरीफ ने ही मुशर्रफ को पाक सेना प्रमुख पद के लिए चुना था।

बेनजीर भुट्टो के साथ नवाब अकबर बुगती और गाजी अब्दुल रशीद की हत्या के मामले भी मुशर्रफ पर चल रहे हैं। साथ ही, नवंबर 2007 में आपातकाल लागू करने, जजों को गिरफ्तार करने और उनकी शक्तियां सीमित करने के लिए उनके ऊपर राजद्रोह का मामला भी चल रहा है।

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