अभी-अभी : देश में तबाही लाएगी मोदी की ये गलती, छीनी आम आदमी की सबसे बड़ी खुशी, केंद्र सरकार का टूटा…

पतंजलि आयुर्वेदनई दल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जब से बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों पर जीएसटी की उंची दर लगाई है तब से ही बाबा पीएम मोदी से नाखुश चल रहे हैं। बाबा ने इसके बाद से ही कई बार जीएसटी को लेकर पीएम मोदी पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष भी किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा है कि जब तक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य नहीं दिया जा सकता है तब तक अच्छे दिन की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

उद्योग संगठन एसोसिएशन आफ मैनुफैक्चरर्स आफ आयुर्वेदिक मेडिसिन्स (एएमएएम) ने बताया कि एक ओर तो केंद्र सरकार आक्रमक तरीके से वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद को बढ़ावा दे रही है लेकिन दूसरी ओर जीएसटी जैसे कानून के द्वारा अधिक कर लगाकर कुदरती दवाओं को महंगा करती जा रही है। ऐसे में आम लोगों से इसकी पहुंच दूर हो जाएगी।

संगठन के उत्पादों पर जीएसटी की लगाई ऊंची दर 12 प्रतिशत के बजाए कंपनी ने परंपरागत आयुर्वेदिक या जेनेरिक दवाओं पर शून्य और पेटेंटशुदा उत्पादों के लिये 5 प्रतिशत कर लगाने की सिफारिश की है। हांलाकि आयुर्वेदिक दवाएं और उत्पादों वैट समेत कुल कर प्रभाव 7 प्रतिशत है जो औषधि पर निर्भर है। जीएसटी व्यवस्था के तहत इन औषधियों पर 12 प्रतिशत कर रखा गया है।

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने उनके उत्पादों पर जीएसटी की ऊंची दर लगाए जाने के संदर्भ में बात करते हुए बताया कि आयुर्वेदिक श्रेणी पर उच्च जीएसटी दर से हमें अचंभा हुआ और यह हमारे लिये निराशाजनक तथा दु:खद है।

तिजारावाला ने यह भी कहा अच्छा स्वास्थ्य और स्वस्थ्य जीवन आम लोगों का मूल अधिकार है और इसके बिना हम अच्छे दिन की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। इसके साथ ही साथ एएमएएम के महासचिव प्रदीप मुलतानी ने भी इसी प्रकार की राय जाहिर करते हुए कहा, भारत सरकार आक्रमक तरीके से आयुर्वेदिक उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा दे रही है लेकिन उंची कर लगाने के इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है क्यों कि आम आदमी इसका भार उठा ही नहीं सकता है।

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