इस राज्य में विधानसभा नहीं पंचायत और चौपालें तय करती हैं ‘भविष्य’

पंचायतों और चौपालोंरायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा का बजट मंत्रालय में बैठकर नहीं, बल्कि खेत-खलिहानों, पंचायतों और चौपालों में जनता के बीच बैठकर बनाता हूं। यह कहना है प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह रविवार को रमन के गोठ की 19वीं कड़ी के प्रसारण के अवसर जनता से यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपनी बजट की प्राथमिकताएं लोक सुराज अभियान से तय करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गांवों के विकास के लिए जितनी भी योजनाएं बनाई, हर योजना की प्रेरणा हमने ग्राम सुराज और लोक सुराज अभियानों से ली है। पहले हमने ग्राम सुराज और नगर सुराज अभियान चलाया। अब दोनों को मिलाकर लोक सुराज अभियान चला रहे हैं।

यह अभियान जनता से सीधे जुड़ने के साथ-साथ सुशासन का पहला कदम है। इसी से हमें सही दिशा मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जिस साल यह अभियान चलाते है, उसके अगले साल का बजट क्या होगा, उसकी तस्वीर हमारे दिमाग में बनना शुरू हो जाती है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को जानकारी दी है कि इस बार का लोक सुराज अभियान तीन चरणों में हो रहा है। पहले चरण में 26 फरवरी से 28 फरवरी तक लोगों से आवेदन लिए गए हैं। दूसरे चरण में पूरे मार्च भर इन आवेदनों का निराकरण किया जा रहा है और तीसरे चरण में तीन अप्रैल से 20 मई तक पूरे राज्य में समाधान शिविर लगाए जाएंगे, जहां इन आवेदनों पर की गई कार्रवाई के बारे में बताया जाएगा। साथ ही नए आवेदन भी लिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा-हमने इस बार के लोक सुराज अभियान को समाधान पर्व बना दिया है, ताकि समाधान की मानसिकता सरकार के हर स्तर पर बनें, जनप्रतिनिधि और जनता भी समाधान की प्रक्रिया में शामिल हों और एक सकारात्मक वातावरण बनें। हमने स्पष्ट किया है कि जहां आवंटन उपलब्ध हो वहां तत्काल समाधान किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम की माता कौशल्या का मायका है इसलिए छत्तीसगढ़ की हर बेटी के भीतर माता कौशल्या जैसा जश और प्रताप है। मां दंतेश्वरी, मां बम्लेश्वरी, मां चंद्रहासिनी, मां महामाया और हर स्वरूप में आदिशक्ति देवियों के शक्तिपीठ और आस्था केन्द्रों की वजह से हमारे प्रदेश में नारी को सम्मान देने की अटूट परम्परा है।

उन्होंने धमतरी की शतायु माता कुंवरबाई को स्वच्छ भारत मिशन में योगदान के लिए प्रधानमंत्री द्वारा चरण स्पर्श कर सम्मानित किए जाने का भी उल्लेख किया।

पिछले साल के लोक सुराज अभियान के दौरान बस्तर संभाग के छोटे डोंगर, बासिन आदि गांवों में वहां के लोगों द्वारा मोबाइल टावर लगवाने की मांग का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं सोचता था कि वे स्कूल, कॉलेज, सड़क, अस्पताल, बिजली के बारे में बोलेंगे, लेकिन उन्होंने मोबाइल में बात करने की सुविधा मांगी। ये विकास के साथ बदलती प्राथमिकता का भी परिचायक है।”

उन्होंने कहा कि संचार क्रांति योजना (स्काई) के तीन मुख्य काम होंगे। स्मार्ट फोन वितरण, टावरों की स्थापना और मोबाइल फोन के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान और इसका उपयोग। प्रदेश में इस योजना के तहत 1500 टावर लगाए जाएंगे।

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