नोटबंदी के दर्द पर मोदी का मरहम, कम होंगी निजी और कार्पोरेट टैक्स की दरें
नई दिल्ली। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी से लोगों को हुए दर्द को पाटने की कोशिश की है। बजट के जरिये वित्त मंत्री अरुण जेटली निजी और कॉर्पोरेट्स टैक्स दाताओं को थोड़ा सुकून दे सकते हैं। खबरों के अनुसार जनता के हाथों में ज्यादा पैसा रहे इसके लिए जेटली कुछ ऐलान कर सकते हैं। इसके जरिए सरकार बाजार में मांग को बढ़ाना चाहती है।
नोटबंदी के चलते इस पर असर पड़ा है। आउटलुक एशिया कैपिटल के सीईओ मनोज नागपाल ने बताया कि सरकार बजट में इनकम टैक्स में राहत दे सकती है। इसके तहत या तो टैक्स रेट कम की जा सकती है या फिर टैक्स के लिए छूट की राशि बढ़ाई जा सकती है।
कम टैक्स की जरुरत के बारे में वित्तमंत्री भी कह चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था के बड़े आधार के लिए टैक्स की कम होना दर जरूरी है। टैक्स दर वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुसार होनी चाहिए।
पीडब्ल्यूसी के डायरेक्ट टैक्स लीडर ने रिपोर्ट में बताया कि आगामी बजट में टैक्स बेंड को 50 हजार रुपये बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में ढाई लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर टैक्स नहीं होता है। वहीं ढाई लाख से ऊपर और पांच लाख रुपये तक की कमाई पर 10 प्रतिशत, पांच से ऊपर व 10 लाख तक की कमाई पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर की कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होता है।
खबरों के अनुसार सरकार आय कर की धारा 80सी के तहत आयकर छूट के लिए निवेश की सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ा सकती है। जानकारों का कहना है कि इस सीमा में वृद्धि बहुत दिनों से लंबित है। लोगों की आय बढ़ी है, ऐसे में इसे अब बढ़ाना चाहिए। अगर सरकार आगामी बजट में यह निर्णय लेती है तो यह नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी राहत होगी। इसके अलावा सरकार मौजूदा टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 4 लाख रुपए करने पर विचार कर रही है। पर्सनल टैक्स के अलावा मोदी सरकार अपने चौथे बजट में कॉरपोरेट टैक्स में भी फेरबदल पर विचार कर रही है। जेटली पहले कह चुके हैं कि मोदी सरकार कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 25 पर्सेंट पर लाना चाहती है।
माना जा रहा है कि सरकार डायरेक्ट टैक्स में बदलाव कर इस लक्ष्य की तरफ बढ़ने की कोशिश करेगी। जानकारों के मुताबिक सरकार स्मॉल टैक्सपेयर्स को भी कई राहत दे सकती है।