नोटबंदी का आज 5वां साल, जानें आपके 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का क्या हुआ?
आज से ठीक पांच साल पहले 8 नवंबर को देश में नोटबंदी बादल छाया था। आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात आठ बजे देश को संबोधित कर 500 व 1000 रुपये के नोटों को अवैध घोषित कर दिया था। इस फैसले के बाद देश में बैंकों के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी थीं। जिनका जिक्र लोगों के जहन में आज भी। 500 व 1000 के प्रतिबंद लगाए जाने के बाद देश में 500 का नया नोट और 1000 की जगह 2000 का नोट चलन में लया गया। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि आपके जो 500 और 1000 रुपये के नोट थे, उनका आखिर हुआ क्या? अगर आपका जवाब है नहीं तो आज हम आपको बताएंगे…
दरअसल, आरबीआई ने लोगों से 15.28 लाख करोड़ रुपये के 500 और 1000 के नोट जमा किए थे और उसके बदले नए नोट जारी किए थे। तो ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि आखिर 15 लाख करोड़ से भी ज्यादा के अमाउंट का हुआ क्या?
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI) ने 30 जून 2017 को जारी किए अपने प्रारंभिक आकलन में पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य 15.28 लाख करोड़ रुपये बताया था। ‘सूचना का अधिकार’ के तहत यह सवाल पूछे गया था तो इसके जवाब में पता चला कि इन नोटों का नोटों का विघटन कर दिया जाता है। ये नोट वापस बाजार में नहीं लाए जाते हैं। यानी इन नोटों को काट दिया जाता है और अलग सामान बनाने में इसका इस्तेमाल होता है।
आरबीआई के नियमों के अनुसार, इन नोटों की वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम के बाद उनका ब्रिकेट सिस्टम के जरिए ब्रिक्स तैयार किया जाएगा। पुराने नोटों को Currency Verification Processing System (CVPS) तरीके से विघटन किया जाता है। पहले चरण में यह देखा जाता है कि करेंसी नष्ट करने के लायक हैं या नहीं। फिर दूसरे चरण में श्रेडिंग ब्रिकेट सिस्टम के जरिए नोटों को मशीन की मदद से महीन कतरनों में बदला जाता है। इन कतरनों को फिर से कम्प्रेस कर ब्रिक्स की शेप दी जाती है। फिर इन ब्रिक्स के जरिए कार्डबोर्ड जैसे कई आइटम बनाए जाते हैं। ऐसे ही 500 और 1000 के नोटों का विघटन किया गया है।