नेताजी की मौत को लेकर भारत और ब्रिटेन आमने-सामने

नेताजीनई दिल्‍ली।ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के राष्ट्रीय सचिव वीपी सैनी ने लंदन की वेबसाइट के उस दावे को चुनौती दी, जिसमें कहा गया है कि सुभाष चंद्र बोस की मौत सन् 1945 ताइवान विमान दुर्घटना में हुई थी। सैनी ने इसे गलत और नेताजी के खिलाफ षड्यंत्र का हिस्सा बताया। उन्होंने वेबसाइट के इस दावे को भी खारिज किया कि उसे नेताजी के लापता होने के संबंध में महत्वपूर्ण गोपनीय दस्तावेज मिले हैं।

सैनी ने दावा किया कि वेबसाइट ने जिन दस्तावेजों का उल्लेख किया है वे कांस्पिरेटर्स, एबडक्टर्स एंड किलर्स ऑफ नेताजी नाम की एक किताब से लिए गए हैं। इसे 24 साल से अधिक समय पहले लिखा गया था। कथित विमान दुर्घटना पर जापान ने जो भी जानकारी और दस्तावेज दिए हैं, वे गलत साबित हुए हैं।

नेताजी सुभाष क्रांति मंच के प्रमुख सैनी कहा कि ताइवान ने भारत को लिखित में सूचित किया था कि 18 अगस्त, 1945 को ताइहोकू में कोई विमान दुर्घटना नहीं हुई थी। इसलिए इसमें नेताजी की मृत्यु का कोई प्रश्न नहीं था। न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग ने भी यह रिपोर्ट दी थी कि नेताजी की मृत्यु विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि बोस परिवार के कुछ सदस्यों ने नेताजी के खिलाफ साजिश में सरकार और अन्य लोगों के साथ हाथ मिला लिये। ऐसा निजी कारणों या निहित स्‍वार्थसे किया गया है।

सैनी ने आरोप लगाया कि बोस परिवार के कुछ सदस्यों के साथ मिलीभगत करके केंद्र सरकार तोक्यो के रेंकोजी मंदिर से नेताजी की कथित अस्थियां भारत लाने का प्रयास कर रही है। क्रांतिकारी नेताजी के अनुयायी कभी ऐसा नहीं होने देंगे। सैनी ने केंद्र से अपील की कि नेताजी के सच का ईमानदारी से पता लगाने का प्रयास किया जाए और राष्ट्रीय नायक को उनका उचित सम्मान मिले।

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