नहीं रहा सीआईए का पूर्व एजेंट, किया था बड़े मिशन को पूरा

सीआईए के पूर्व एजेंट टोनी मेंडेज का शनिवार को निधन हो गया. वह लंबे समय से पार्किंसन डिज़ीज़ से जूझ रहे थे. उन्होंने 1980 में अमेरिकी बंधकों को ईरान से मुक्त कराने के लिए शानदार प्लान अपनाया. हॉलीवुड फिल्म ‘आर्गो’ ने उन्हें अमर कर दिया.

टोनी मेंडेज ने 78 साल की उम्र में अंतिम साल ली. उनके परिजनों ने बताया कि मेंडेज को नेवाडा के पास के एक निजी कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा. अमेरिकी अधिकारी क्रिस्टी फ्लेचर ने उनके परिजनों के बयान को ट्​वीट किया है. परिवार ने बयान जारी करके कहा कि टोनी मेंडेज और उनकी पत्नी जोना मेंडेज ने एक पब्लिशर को अपनी किताब दी थी. अपनी कहानियों को पूरा करते हुए उनकी मृत्यु हो गई. वह पिछले 10 सालों से पार्किंसन डिजीज से जूझ रहे थे.

जब 1979 में तेहरान में ईरानी सेना ने अमेरिकी दूतावास पर कब्जा कर लिया था, तो कुछ राजनयिक पीछे के दरवाजे से भागने से सफल रहे और उन्होंने कनाडाई दूतावास में शरण ली. सिक्रेट प्लान के विशेषज्ञ मेंडेज ने फंसे हुए अमेरिकी को बचाने के लिए एक प्लान बनाया. इस पूरे प्लान को हॉलीवुड की साइंस फिक्शन मूवी ‘अर्गो’ के माध्यम से दिखाया गया है.

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फिल्म में दिखाया गया है कि नकली कनाडाई पासपोर्ट से लैस छह अमेरिकी राजनयिक सुरक्षा में सेंध लगाकर ईरान गए और 27 जनवरी, 1980 को फंसे हुए सभी अमेरिकी लोगों को लेकर बाहर निकल आए. इस फिल्म ने वर्ष 2013 में तीन ऑस्कर जीते और इसे बेस्ट मोशन फिल्म से भी नवाजा गया।

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