नवम्बर तक आएगा अयोध्या मामले में फैसला , सुप्रीम कोर्ट में हो रही हैं सुनवाई….

देश में सदियों से चले आ रहे अयोध्या मामले की सुनवाई नहीं हो पा  रही हैं. बतादें की अयोध्या में मंदिर और मस्जिद को लेकर जंग लम्बे समय से चली आ रही हैं।बतादें की लोगों को मानना हैं की बीजेपी सरकार में फैसला आ सकता हैं और ये फैसला हिन्दू के हित में रहेगा .
वहीं अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला नवंबर में आने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि मामले में हिंदू पक्ष की दलीलें पूरी हो गई हैं। 2.77 एकड़ में फैली राम ज्नमभूमि-बाबरी मस्जिद की जमीन के मालिकाना हक के लिए बीते 70 सालों से कानूनी लड़ाई जारी है।
खबरों के मुताबिक हिंदू पक्ष ने शुक्रवार को अपनी दलीलें पूरी कर ली हैं। इन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित जमीन का दो-तिहाई हिस्सा दिया था। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में छह अगस्त को सुनवाई शुरू हुई थी और अब मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें सोमवार को रखेगा।

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ कर रही है। इस पीठ में जस्टिस एसए बोबड़े, डीवाई चंद्रचूड, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं। पीठ ने बेहद कम समय में ही रामलला, निर्मोही अखाड़ा, ऑल इंडिया राम जन्मस्थान पुनरुर्त्थान समिति, हिंदू महासभा के दो धड़े, शिया वक्फ बोर्ड और गोपाल सिंह विशारद के कानूनी उत्तराधिकारी की दलीलें सुनीं।

मामले में तेजी से सुनवाई करने का सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे तैयारी करने के लिए समय नहीं मिलता है। हालांकि कोर्ट ने उनकी बात नहीं मानी।

दरअसल मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं। ऐसे में इस बात की चर्चा की जा रही है कि उनके सेवानिवृत होने से पहले फैसला आ सकता है।

वहीं जमीन का दो तिहाई हिस्सा जिसके पास है, उसकी सुनवाई पूरी होने से फैसला जल्द आने की उम्मीद और भी बढ़ गई है। इससे पहले धवन ने कहा था कि वह अपनी दलीलों के लिए 20 दिन का समय लेंगे। वहीं अगर धवन इतना समय ले भी लेते हैं तो भी कोर्ट के पास एक महीने से अधिक समय बचेगा।
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