नवजात को झाड़ियों में तड़पते छोड़ गयी माँ, मौके पर पहुँच पुलिस ने बचाई जान

रिपोर्ट-अखिल श्रीवास्तव/रायबरेली

रायबरेली में एक बार फिर माँ की ममता शर्मसार हुई है। 15 दिन की नवजात संदिग्ध परिस्थितियों में झाड़ियों में मिलने से हड़कंप मच गया। मासूम की चीख सुनकर पास से गुजर रही एक भिखारन ने उस बच्ची को झाड़ियों से न सिर्फ निकाला बल्कि उसे दूध पिलाकर पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुँची पुलिस ने नवजात की हालत गंभीर देख उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया दिया है और नवजात की देख रेख के लिए एक महिला सिपाही की भी तैनाती कर दी गई है।

नवजात बच्ची

जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में एडमिट की नवजात बच्ची को गौर से देखिए। इसको भी नही  पता  रहा होगा कि दुनिया में आने के बाद इसे वह माँ झाड़ियों में फेंक देगी.

जो 9 महीने अपनी कोख में रख कर दुख तकलीफ शह कर पाला पोसा और जब वह दुनिया मे आई तो उसे मारने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया गया। पर कहते है न जाको राखे साइया, मार सके न कोई। यह कहावत इस नवजात के साथ सही साबित हुई और झाड़ियों पर पड़ी इस मासूम को एक भिखारन ने  नई जिंदगी दी और अपना दूध पिलाकर पुलिस को इत्तला कर दिया।

पुलिस ने भी मानवता दिखाते हुए तत्काल एक महिला सिपाही को इसकी देख रेख में लगाकर जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में एडमिट करवा दिया।

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दरअसल बतायां जा रहा है कि रायबरेली जिले के गुरबख्शगंज थाना क्षेत्र के  डोमापुर गाँव में  भीख मांगकर वापस जा रही भिखारन  अनुपम को झाड़ियों में एक बच्ची की चीख सुनाई दी और वह झाड़ियों में जाकर देखा तो एक नवजात मासूम झाड़ियों में बिना कपड़े के पड़ी थी और भूख प्यास से चीख रही रही।

भिखारन से यह देखा नही गया और उसने बच्ची को झाड़ियों से उठा कर अपने घर ले गई और उसे दूध पिलाकर पुलिस को सूचना दी।

वही जिला अस्पताल में इलाज कर रहे बाल रोग के डाक्टर की माने तो नवजात की हालत अब एकदम सही है। पुलिस की अभिरक्षा में नवजात को अस्पताल में एडमिट करवाया गया है।

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