नगर पालिका सभासद गीता कुमाई की सदस्यता निरस्त, जानें क्या था पूरा मामला

 रिपोर्ट- सुनील सोनकर

 मसूरी।  मसूरी नगर पालिका परिषद की वार्ड 8 की सभासद गीता कुमाई के मामले में शासन ने निर्णय लेते हुए गीता कुमई को दोषी मानते हुए उनकी पालिका से सदस्यता को निरस्त कर दिया है।

नगर पालिका सभासद

बता दे कि गीता कुमाई के पति भरत कुमाई  के नगर पालिका की भूमि पर अतिक्रमण का मामला व गीता कुमाई का चुनाव में झूठा षपथ देने के मामले को लेकर केदार चैहान ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किया था।

शासन में नगरपालिका अधिशासी अधिकारी और जिला अधिकारी के द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर गीता कुमाई के द्वारा किये गए अतिक्रमण को सही मानते हुए नगरपालिका अधिनियम 1916 की धारा 40 (ख) के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए गीता कुमाई की वार्ड नम्बर 8 से पालिका सभासद की सदस्यता को निरस्त कर दिया है।

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वही गीता कुमाई ने कहा कि व षासन द्वारा लिये गए फैसले से इत्तेफाक नही रखती है वह अपना पक्ष हाई कोर्ट में रखेगी।
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को उनके खिलाफ विधि अनुसार फैसला लेने को कहा था। एकलपीठ ने गीता कुमाई के खिलाफ नगर पालिका भूमि पर कब्जे को लेकर जांच के आदेश दिए थे। मसूरी नगर पालिका की सभासद गीता कुमाई के खिलाफ चु नाव लड़ चुके पराजित प्रत्याशी केदार सिंह चैहान ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

इसमें कहा था कि नगर पालिका का चुनाव 2018 में हुआ। उन्होंने पालिका के सभासद का चुनाव लड़ा और वह हार गए। उनके वार्ड से जीत दर्ज करने वाली गीता कुमाई ने अपने नामांकन के समय नो-ड्यूज प्रमाण पत्र नहीं दिया था, लेकिन इस आशय का शपथ पत्र दिया था कि उनके परिवार का सरकारी भूमि पर कब्जा पाए जाने पर वह सभासद पद से इस्तीफा दे देंगी। इधर गीता कुमाई के पति पर नगर पालिका की केमल्सबैक की भूमि पर कब्जा का मामला जांच में सामने आया है। इस आधार पर गीता को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए, अन्यथा की स्थिति में उन्हें हटाया जाना चाहिए।

 

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