दो दिन से नाबालिग भाई-बहन लापता, पुलिस मौन

बांदा| उत्तर प्रदेश में बांदा जिला मुख्यालय के बिजली खेड़ा मोहल्ले की एक नाबालिग लड़की और उसका भाई दो दिन से लापता हैं, शहर की पुलिस ने गुमशुदगी रिपोर्ट तक दर्ज करना जरूरी नहीं समझा।

पुलिस की बेरुखी से क्षुब्ध महिला ने मंगलवार को अपने बच्चों की खोज के लिए डीएम से फरियाद की है। जिलाधिकारी बांदा को दिए शिकायती पत्र में शहर के मोहल्ला बिजली खेड़ा की रहने वाली महिला आशा पत्नी मुन्ना धुरिया ने कहा कि उसकी नाबालिग बेटी नेहा (15) और बेटा ओम (13) रविवार की दोपहर से अचानक घर से गायब हो गए हैं।

जान-पहचान और रिश्तेदारियों में पता न चलने पर गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए वह रविवार शाम से सोमवार दिन भर शहर कोतवाली में बैठी रही, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

महिला ने शिकायती पत्र में लिखा कि इससे पहले 31 जनवरी को नेहा को अगवा कर एक पड़ोसी परिवार अपने घर में चार फरवरी तक बंधक बनाए रह चुका है और 13 वर्षीया छोटी बेटी अंजली सात फरवरी को फांसी लगाकर हत्या की कोशिश भी कर चुकी है। इन दोनों घटनाओं में भी पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

महिला ने शिकायती पत्र में इसी पड़ोसी पर बच्चों को गायब करने का शक जाहिर किया है।

इस मामले में शहर कोतवाल के.पी. सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में है, कालूकुआं चौकी प्रभारी जांच कर रहे हैं। जिन महिलाओं पर शक है, उन्हें बुलाकर पूछताछ की गई है। नाबालिग लड़की के मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल लेने की कोशिश की जा रही है।

प्राथमिकी न दर्ज करने के सवाल पर उनका कहना था कि शिकायती पत्र के आधार पर जांच की जा रही है, जरूरत पड़ने पर ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

उधर, जिलाकिारी डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि महिला उनके समक्ष पेश होकर बच्चों के बरामदगी की फरियाद की है, पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए कहा गया है।

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