
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू और भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की मौजूदगी में जस्टिस पिनाकी घोष ने शनिवार को देश के पहले लोकपाल की शपथ ग्रहण की।
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिनाकी घोष को संविधान की रक्षा की शपथ दिलाई।
बता दें कि इसी हफ्ते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया था। इसके अलावा लोकपाल के अन्य 8 सदस्यों की भी नियुक्ति की गई है।
राष्ट्रपति कोविंद ने जस्टिस दिलीप बी भोसले, जस्टिस पी के मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी और जस्टिस एके त्रिपाठी को न्यायिक सदस्य और दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामासुंदरम, महेंद्र सिंह और डॉ आईपी गौतम को गैर-न्यायिक सदस्य को शपथ दिलाई।
जस्टिस घोष (67) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के 2017 से सदस्य हैं। वह सुप्रीम कोर्ट से 27 मई 2017 को सेवानिवृत्त हुए थे।
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उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर 8 मार्च 2013 को पदभार ग्रहण किया था। लोकपाल सर्च कमेटी द्वारा सूचीबद्ध किए गए शीर्ष 10 नामों वह शामिल थे।