देश की बेटी ने हरियाणा सरकार पर दागा वादों का सवाल, हो गई टांय-टांय फिस्‍स

साक्षी मलिकरोहतक/नई दिल्ली। साक्षी मलिक के पिता सुखबीर मलिक ने भी साफ कर दिया है कि हरियाणा सरकार ने अपनी घोषणा के मुताबिक कुछ नहीं किया। सरकार ने जो वादे किए थे, उस पर वह खरी नहीं उतरी। हालांकि, इससे अधिक वे कुछ नहीं बोले। साक्षी मलिक इस समय लखनऊ में प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा ले रही हैं।

इस मुद्दे पर साक्षी की मां सुदेश मलिक ने कहा कि ओलिंपिक मेडल जीतने के बाद साक्षी को हरियाणा सरकार से घोषित ढाई करोड़ रुपये तो मिला है, उसके लिए हम उनके आभारी हैं, लेकिन उस समय हरियाणा सरकार ने हमारे लिए घोषणाएं की थी, वे आज तक पूरी नहीं हुई हैं।

इसमें साक्षी और मेरा प्रमोशन, एमडीयू में रेसलर की जॉब, रोहतक स्थित सर छोटू राम स्टेडियम के रेसलिंग हॉल का रिनोवेशन, उनके कोच का इनाम और साक्षी को एक प्लॉट देने के बारे में घोषणा हुई थी। इनमें एक भी घोषणा अभी तक पूरी नहीं की गई है। वहीं, साक्षी के पिता सुखबीर मलिक डीटीसी में कंडक्टर के पद पर कार्यरत थे, जिनका प्रोमोशन दिल्ली सरकार ने कर दिया है।

सुदेश मलिक का कहना है कि इस बारे में मैं जब भी खेल मंत्री अनिल विज से मिलने जाती हूं तो बड़े आदर से हमें बुलाया जाता है और अच्छी मुलाकात होती। इसके बाद सिर्फ आश्वासन मिलते हैं पर काम पूरा नहीं होता है। सुदेश मलिक एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत हैं।

रियो ओलिंपिक में देश को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाली महिला रेसलर साक्षी मलिक हरियाणा सरकार से बेहद खफा हैं। साक्षी ने शनिवार को ट्वीट के जरिए सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की और उसके बाद ट्विटर पर चर्चाएं तेज हो गईं।

इस ट्वीट में साक्षी ने कहा है, ”मेडल का वादा मैंने पूरा किया, हरियाणा सरकार अपना वादा कब पूरा करेगी।” साथ ही उसने सवाल किया कि मेरे पदक जीतने के बाद हरियाणा सरकार की ओर से की गईं सारी घोषणाएं क्या सिर्फ मीडिया के लिए थी? रेसलर ने इस ट्वीट में सीएमओ ऑफिस, खेल मंत्री अनिल विज और केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल को टैग किया है।

साक्षी के ट्वीट से जहां खेल जगत में हलचल मच गई है वहीं, अपनी स्पोर्ट्स पॉलिसी को सबसे बेहतरीन बताने वाली हरियाणा सरकार पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश का खेल विभाग दावा करता रहा है कि खिलाड़ियों सबसे बढ़िया सुविधाएं हरियाणा में मिल रही हैं।

अगला कदम क्‍या होगा

अब साक्षी का अगला कदम क्या होगा, इस सवाल पर उनकी मम्मी सुदेश मलिक ने कहा हम सरकार से कहने के अलावा और कुछ नहीं कर सकते। हम बस इतना कर सकते हैं कि साक्षी तोक्यो ओलिंपिक के लिए बेहतरीन तैयारी करे और वहां भी मेडल जीते।

कोच कुलदीप सिंह भी नाराज

विमिन रेसलिंग टीम के कोच और रियो में साक्षी मलिक के साथ गए कुलदीप सिंह ने कहा कि इनाम मिलने में देरी होना गलत है। इससे खिलाड़ियों का हौसला टूटता है। वहीं, दूसरे खिलाड़ी जो ओलिंपिक मेडलिस्ट से प्रेरणा लेते हैं, उन्हें भी मायूसी मिलती है। सरकार को साक्षी के बारे में की गई घोषणाओं को जल्द पूरा करना चाहिए।

फोगाट सिस्टर्स भी प्राइज मनी न मिलने से खफा

इस मामले में देश की पहली विमिन ओलिंपियन गीता फोगाट ने कहा कि इनाम का पैसा मिलने या दूसरी घोषणाओं के पूरा होने में देरी होने से तकलीफ होती है। अगर खिलाड़ी को इनाम या दूसरी सुविधाएं समय से मिल जाएं तो उनका हौसला तो बढ़ता ही है साथ में दूसरे खिलाड़ियों को भी मोटिवेशन मिलता है। एक समय के बाद सम्मान मिलने से उसका उतना मूल्य नहीं रह जाता है।

गीता ने अपने पिता महावीर फोगाट का उदाहरण देते हुए कहा कि रेसलिंग के लिए हरियाणा सरकार से पिछले कई साल से ओलिंपिक लेवल के रेसलिंग मैट मांग रहे उनके पिता को अब जाकर ये मैट मिले हैं। गीता का मानना है कि अगर ये मैट उनको सही समय पर मिल जाते तो उनका रिजल्ट भी और बेहतर होता।

गौरतलब है कि साल 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतने के बाद गीता फोगाट को हरियाणा सरकार ने डीएसपी बनाने का वादा कर इंस्पेक्टर बना दिया था। इसके 6 साल बाद गीता फोगाट हाई कोर्ट चली गईं और वहां से हस्तक्षेप के बाद उन्हें डीएसपी बनाया गया।

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