देश का इकलौता ऐसा स्टेशन जिसका नहीं है कोई नाम, जानें क्यों है ऐसा…

भारतीय रेल महज देश की लाइफलाइन ही नहीं बल्कि ज़िंदगी भी है। हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी रेल में ज़रूर सफर किया होगा। लेकिन क्या आपने कोई ऐसा रेलवे स्टेशन देखा है जिसका कोई नाम ही न हो।

चौंक गए न, जी हां.. ऐसा एक रेलवे स्टेशन है जिसका कोई नाम ही नहीं है।

देश का इकलौता ऐसा स्टेशन जिसका नहीं है कोई नाम

बिना नाम का यह रेलवे स्टेशन भारत के झारखंड में स्थित है, जो अपने नाम के लिए आज भी संघर्ष कर रहा है। झारखंड की राजधानी रांची से एक सवारी गाड़ी निकलती है, जो टोरी तक चलती है।

यह ट्रेन इस बेनाम रेलवे स्टेशन पर भी रुकती है।

यहां से होकर जाने वाली ट्रेन से कई लोग यहां चढ़ते-उतरते भी हैं। आमतौर पर इस बेनाम रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्री ‘कमले’, ‘बड़कीचांपी’, ‘छोटकीचांपी’, ‘सुकुमार’ आदि गांवों के निवासी होते हैं।

अब आपके दिमाग में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इस रेलवे स्टेशन का नाम अभी तक रखा क्यों नहीं गया है। तो चलिए अब हम आपके इस सवाल का जवाब दे दें। दरअसल इस रेलवे स्टेशन के नाम को लेकर काफी विवाद चल रहा है।

साल 2011 में बने इस रेलवे स्टेशन के नाम को लेकर यहां के दो गांवों के बीच विवाद है।

कमले गांव के लोगों का कहना है कि यह रेलवे स्टेशन उनके गांव की जमीन पर बना है, तो इसका नाम भी उनके गांव पर ही होना चाहिए। बता दें कि इस स्टेशन पर उतरने वाले यात्री बड़कीचांपी की टिकट कटवाते हैं।

बड़कीचांपी भी यहां का एक गांव है।

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कमले गांव के लोगों ने बताया कि इस रेलवे स्टेशन को बनाने में उनके गांव के लोगों ने अपना पसीना बहाया है।

लेकिन प्रशासन उनके साथ अन्याय कर रहा है।

कई बार इस रेलवे स्टेशन को बड़कीचांपी नाम देने की कोशिश की गई, लेकिन कमले गांव के लोगों ने भारी विरोध कर इसे पूरा नहीं होने दिया।

लेकिन यहां एक बात तो साफ है कि सरकार की नज़रों में इस रेलवे स्टेशन का नाम बड़कीचांपी है।

 

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