दुनिया में 8 लाख लोग हर साल करते आत्महत्या, पढ़कर चौंक जाएंगे आप

दुनियाभर में हर साल आठ लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आत्महत्या को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा बताया है। लेकिन अब आत्महत्या के आंकड़ों को लेकर एक सकारात्मक खबर आई है। इसमें कहा गया है कि विश्वभर में आत्महत्या की दर में 1990 के बाद से एक तिहाई से ज्यादा गिरावट आई है। इससे साफ है कि लोग दुनियाभर में अब पहले के मुकाबले कम आत्महत्या कर रहे हैं।

Suicide Rates

यह रिपोर्ट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की है। इसमें कहा गया है कि आत्महत्या की दर में दुनियाभर में 1990 के बाद से एक तिहाई से ज्यादा गिरावट आई है। इसके आंकड़े बीएमजे जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। इसमें कहा गया है कि साल 2016 में 8 लाख 17 हजार लोगों ने आत्महत्या की थी। ये ही वो साल था जिसमें 1990 के बाद से आत्महत्या में 6.7 फीसदी वृद्धि हुई थी। इसके बाद गिरावट आई है।

 

रिपोर्ट का कहना है कि पिछले तीन दशकों से वैश्विक जनसंख्या में वृद्धि होने की वजह से जहां पहले 1 लाख लोगों में से 16.6 लोग आत्महत्या कर रहे थे अब यह आंकड़ा सिमटकर 11.2 हो गया है। यानी इसमें 32.2 फीसदी गिरावट आई है। इसकी वजह स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच और गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या में कमी है।

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रिपोर्ट का कहना है कि महिलाओं से ज्यादा आत्महत्या पुरुषों ने की है। इसमें 15 से 19 साल के बीच की उम्र सीमा शामिल है। यानी इस उम्र सीमा की दर देखी जाए तो लड़कियों से ज्यादा आत्महत्या लड़कों ने की है। एक लाख पुरुषों में 15.6 ने आत्महत्या की है जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा लाख में 7 है। भारत और चीन में 2016 में 44.2 फीसदी लोगों ने आत्महत्या की है। लेकिन जहां चीन में 1990 के बाद से सुसाइड रेट 64.1 फीसदी बढ़ा है वहीं भारत में यह 15.2 फीसदी कम हुआ है।

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