दादी-नानी के नुस्‍खे : ये घरेलू नियम अपनाएंगे तो कभी नहीं होगा दांत दर्द

दांत दर्ददांतों से जुड़ी हर समस्या के पीछे हमारी गलत खानपान और रहन-सहन की आधुनिक जीवन शैली है। चाय-कॉफी जैसे बेहद गर्म पेय तथा कोलड्रिक्स दोनों ही दांतों की जड़ों को कमजोर और खोखला कर देते हैं। सबसे असहनीय होता है दांत दर्द । ताजा तथा प्राकृतिक खानपान और सफाई के प्रति जागरूकता ही हमें दातों की समस्या से स्थाई छुटकार दिला सककी है।

आजकल गलत खान-पान और ठीक से देखरेख न करने के कारण लोगों में दांत के दर्द की समस्या आम हो गई है। छोटे छोटे बच्चों को अक्सर दांत में दर्द होने की शिकायत होती है। आयुर्वेद में दांतों में दर्द की समस्या का बहुत आसान उपाय बताया है।

आयुर्वेद में एक कहावत है- नमक महीन लीजिए, अरु सरसों का तेल। नित्य मले रीसन मिटे, छूट जाए सब मैल।।

सैंधा नमक को कपड़े से छान लें। नमक को हाथ पर रखकर उसमें सरसों का तेल मिला लें। इस मिश्रण से दातों पर हल्के-हल्के मसाज करें बाद में साफ पानी से कुल्ला कर लें। इस विधि को अपनाने से आपको दातों की कई समस्याओं से निजात मिल जाएगी। इससे दातों में दांतों में पीलापन नहीं आता, दांत साफ और मजबूत होते हैं, कीड़े नहीं लगते, दर्द, मसूड़ों की सूजन, इनसे खून निकलना बन्द हो जाता है।

मसूढों और जबडों में होने वाली पीडा को दंतशूल से परिभाषित किया जाता है। हममें से कई लोगों को ऐसी पीडा अकस्मात हो जाया करती है। दांत में कभी सामान्य तो कभी असहनीय दर्द उठता है। रोगी को चेन नहीं पडता। मसूडों में सूजन आ जाती है। दांतों में सूक्ष्म जीवाणुओं का संक्रमण हो जाने से स्थिति और बिगड जाती है। मसूढों में घाव बन जाते हैं जो अत्यंत कष्टदायी होते हैं।दांत में सडने की प्रक्रिया शुरु हो जाती है और उनमें केविटी बनने लगती है।जब सडन की वजह से दांत की नाडियां प्रभावित हो जाती हैं तो पीडा अत्यधिक बढ जाती है।

बाय बिडंग १० ग्राम,सफ़ेद फ़िटकरी १० ग्राम लेकर तीन लिटर जल में उबालकर जब मिश्रण एक लिटर रह जाए तो आंच से उतारकर ठंडा करके एक बोत्तल में भर लें। दवा तैयार है। इस क्वाथ से सुबह -शाम कुल्ले करते रहने से दांत की पीडा दूर होती है और दांत भी मजबूत बनते हैं।

दांत दर्द में ये उपचार करें

लहसुन में जीवाणुनाशक तत्व होते हैं। लहसुन की एक कली थोडे से सैंधा नमक के साथ पीसें फ़िर इसे दुखने वाले दांत पर रख कर दबाएं। तत्काल लाभ होता है। प्रतिदिन एक लहसुन कली चबाकर खाने से दांत की तकलीफ़ से छुटकारा मिलता है।

हींग दंतशूल में गुणकारी है। दांत की गुहा(केविटी) में थोडी सी हींग भरदें। कष्ट में राहत मिलेगी।

तंबाखू और नमक महीन पीसलें। इस टूथ पावडर से रोज दंतमंजन करने से दंतशूल से मुक्ति मिल जाती है।

बर्फ़ के प्रयोग से कई लोगों को दांत के दर्द में फ़ायदा होता है। बर्फ़ का टुकडा दुखने वाले दांत के ऊपर या पास में रखें। बर्फ़ उस जगह को सुन्न करके लाभ पहुंचाता है।

कुछ रोगी गरम सेक से लाभान्वित होते हैं। गरम पानी की थैली से सेक करना प्रयोजनीय है।

प्याज कीटाणुनाशक है। प्याज को कूटकर लुग्दी दांत पर रखना हितकर उपचार है। एक छोटा प्याज नित्य भली प्रकार चबाकर खाने की सलाह दी जाती है। इससे दांत में निवास करने वाले जीवाणु नष्ट होंगे।

लौंग के तैल का फ़ाया दांत की केविटी में रखने से तुरंत फ़ायदा होगा। दांत के दर्द के रोगी को दिन में ३-४ बार एक लौंग मुंह में रखकर चूसने की सलाह दी जाती है।

नमक मिले गरम पानी के कुल्ले करने से दंतशूल नियंत्रित होता है। करीब ३०० मिलि पानी मे एक बडा चम्मच नमक डालकर तैयार करें।दिन में तीन बार कुल्ले करना उचित है।

पुदिने की सूखी पत्तियां पीडा वाले दांत के चारों ओर रखें। १०-१५ मिनिट की अवधि तक रखें। ऐसा दिन में १० बार करने से लाभ मिलेगा।

दो ग्राम हींग नींबू के रस में पीसकर पेस्ट जैसा बनाले। इस पेस्ट से दंत मंजन करते रहने से दंतशूल का निवारण होता है।

मेरा अनुभव है कि विटामिन सी ५०० एम.जी. दिन में दो बार और केल्सियम ५००एम.जी दिन में एक बार लेते रहने से दांत के कई रोग नियंत्रित होंगे और दांत भी मजबूत बनेंगे।

मुख्य बात ये है कि सुबह-शाम दांतों की स्वच्छता करते रहें। दांतों के बीच की जगह में अन्न कण फ़ंसे रह जाते हैं और उनमें जीवाणु पैदा होकर दंत विकार उत्पन्न करते हैं।

शकर का उपयोग हानिकारक है। इससे दांतो में जीवाणु पैदा होते हैं। मीठी वस्तुएं हानिकारक हैं। लेकिन कडवे,ख्ट्टे,कसेले स्वाद के पदार्थ दांतों के लिये हितकर होते है। नींबू,आंवला,टमाटर ,नारंगी का नियमित उपयोग लाभकारी है। इन फ़लों मे जीवाणुनाशक तत्व होते हैं। मसूढों से अत्यधिक मात्रा में खून जाता हो तो नींबू का ताजा रस पीना लाभकारी है।

हरी सब्जियां,रसदार फ़ल भोजन में प्रचुरता से शामिल करें।

दांतों की केविटी में दंत चिकित्सक केमिकल मसाला भरकर इलाज करते हैं। सभी प्रकार के जतन करने पर भी दांत की पीडा शांत न हो तो दांत उखडवाना ही आखिरी उपाय है।

LIVE TV