डोनाल्ड ट्रंप ने किया ऐलान! वैक्सीन हो न हो, अमेरिका फिर से खुलेगा…
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने अबतक दुनिया में सबसे ज्यादा अमेरिका में अपना जाल बिछाया है. यहां पर सबसे ज्यादा संख्या में लोगों में वायरस का संक्रमण है और मौतें भी हुईं हैं. हालांकि अमेरिका को विश्व का सबसे शक्तिशाली देश कहा जाता है. लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. जिसकी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ‘कोरोना की वैक्सीन तैयार हो या ना हो’ अमेरिका फिर से खुलेगा.
इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि साल के अंत तक कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने का उनका मकसद है. हालांकि कई विशेषज्ञों को इस बात पर संदेह है कि कोरोनावायरस की वैक्सीन को एक साल की अवधि के भीतर तैयार किया जा सकता है.
वैक्सीन के बिना अमेरिकियों को चाहिए कि नॉर्मल जीवन जीएं
बीबीसी ने अपनी शनिवार की रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने वैक्सीन प्रॉजेक्ट ‘ऑपरेशन वॉर्प स्पीड’ की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुनिया के पहले परमाणु हथियारों को बनाने के प्रयासों से की.हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वैक्सीन के बिना भी अमेरिकियों को चाहिए कि वह अपने जीवन में सामान्य रूप से वापस लौटना शुरू करें.
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राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘परियोजना 14 वैक्सीन कैंडिडेट पर शोध (रिसर्च) और अनुमोदन (अप्रूवल) के साथ शुरू होगी.’
सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर वैक्सीन खोज रही है
उन्होंने एक वैक्सीन को खोजने और इसे वितरित करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी की बात कही और ऑपरेशन का नेतृत्व करने के लिए सेना के एक जनरल और एक पूर्व हेल्थकेयर एग्जीक्यूटिव का नाम बताया.
जनरल गुस्ताव पर्ना चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के रूप में काम करेंगे
पहले फार्मास्युटिकल दिग्गज ग्लैक्सो स्मिथ क्लाइन में वैक्सीन डिवीजन का नेतृत्व कर चुके मोनसैफ सलोई इस मिशन की अगुवाई करेंगे, जबकि अमेरिकी सेना के लिए वितरण की देखरेख करने वाले जनरल गुस्ताव पर्ना चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के रूप में काम करेंगे.
राष्ट्रपति ट्रंप के बाद मोनसैफ सलोई ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि 2020 तक वैक्सीन की कुछ हजार मिलियन खुराकों का वितरण कर दिया जाएगा.