ट्रंप की नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतरी महिलाएं

वॉशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ और महिला अधिकारों के समर्थन में तीसरे वार्षिक महिला मार्च में राजधानी वॉशिंगटन डीसी और लगभग 300 अन्य शहरों में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, आयोजकों को इसमें और ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद थी जैसे ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के अगले दिन 20 जनवरी, 2017 को हुए विरोध प्रदर्शन में लोग आए थे।

शनिवार के जुलूस में लोगों की संख्या सिर्फ हजारों तक पहुंचती दिखी। न्यू यॉर्क, लॉस एंजलिस, अटलांटा, फिलाडेल्फिया और अन्य शहरों में प्रदर्शन का प्रभाव कम दिखा। मुख्य प्रदर्शन वाइट हाउस के निकट फ्रीडम प्लाजा में हुआ जहां आयोजकों ने वाइट हाउस को कैपिटल से जोड़ने वाले पेन्सिल्वानिया एवेन्यू के पास में एक मंच बनाया हुआ था। कई प्रदर्शनकारी गुलाबी रंग की ऊनी टोपी पहने हुए थे और विभिन्न तरह के संदेशों वाले पोस्टर पकड़े हुए थे।

प्रदर्शन करनेवालों नें ‘अपने गर्भाशय की स्वयं रक्षा करो’, ‘हम सबके लिए समानता की मांग करते हैं’ और ‘बुक 1 में हैरी पॉर्टर, हरमॉइन के बिना मर जाता’ आदि नारो के पोस्टर लेकर आए थे। शनिवार का प्रदर्शन महिला मार्च की नेताओं द्वारा 10 आयामी राजनीतिक मंच की घोषणा के बाद आया जिसके बारे में समूह ने कहा कि यह वास्तविक रूप से प्राप्त करने योग्य जरूरतों को रेखांकित करेगा।

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इनमें संघीय रूप से न्यूयनतम वेतन, प्रजनन अधिकार और महिलाओं के प्रति हिंसा को रेखांकित करना तथा लंबे समय से निष्क्रिय पड़ा समान अधिकार संशोधन आदि हैं। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च के कुछ आयोजकों और नेशन ऑफ इस्लाम नेता लुईस फाराखान के बीच संबंधों ने हालांकि एक विवाद भी खड़ा कर दिया जिन्होंने यहूदी लोगों की तुलना दीमक से करते हुए उन्हें रंगभेद का माता और पिता बताया।

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