जीका वायरस : जानें लक्षण, उपाय और वो बातें जिनसे सब अनजान

जीका वायरस नई दिल्ली : आज के समय में आधे से ज्यादा बीमारियां वायरस के फैलने की वजह से हो रही हैं. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अहमदाबाद में मच्छर जनित जीका वायरस से जुड़े तीन मामलों के होने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इन तीन मामलों में एक गर्भवती महिला भी शामिल हैं. ज्यादातर जीका वायरस का असर नवजात शिशु में देखा गया है.

वैसे तो जीका वायरस के लक्षणों के बारे में अभी तक सबसे पुख्ता सबूत के तौर पर ब्राजील के केवल वे नवजात शिशु हैं, जिनके सिर का आकार या तो सामान्य से छोटा है या उनके मष्तिष्क को नुकसान पहुंचा है.

क्या है जीका-

जीका एक वायरस है जो एडीज, एजिप्‍टी और अन्‍य मच्‍छरों से फैलता है. मच्छर से शुरू होने वाले संक्रमण जैसे डेंगू, यलो फीवर, वेस्ट नाइल वायरस की तरह यह भी खतरनाक है.

लक्षण-

जीका के लक्षणों में बुखार, जोड़ो का दर्द, शरीर पर लाल चकत्‍ते, थकान, सिर दर्द होना आदि शामिल है.

इसमें शरीर में लाल रंग के धब्बे पड़ने लगते हैं और पूरे बदन में खुजली होने लगती है.

प्रभाव-

इससे माइक्रोकेफेली का खतरा होता है. इससे प्रभावित बच्‍चे का जन्‍म आकार में छोटे और अविकसित दिमाग के साथ होता है.

इसके अलावा इससे ग्‍यूलेन-बैरे का भी खतरा होता है. इसमें सिंड्रोम शरीर के तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है जिससे लोग लकवा का शिकार हो जाते हैं.

जीका का जन्म-

जीका वायरस की पहचान पहली बार 1947 में हुई थी. जिसके बाद ये कई बार अफ्रीका व साउथ ईस्ट एशिया के देशों के कुछ हिस्सों में फैला था.

रोकथाम

मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें.

बुखार, गले में खराश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नजर आने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करें.

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