जापान-भारत के बीच कुशल कामगारों की सहभागिता समझौते को मिली मंजूरी, जानिए कैसे होगा फायदा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और जापान के बीच ‘निर्दिष्ट कुशल कामगारों’ की सहभागिता से जुड़े समझौता ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर की मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

यह समझौता ज्ञापन निर्धारित कुशल कामगारों के संबंध में तय व्यवस्था के उचित परिचालन के लिए सहभागिता का मूलभूत ढांचा तैयार करने के संबंध में है। बयान में कहा गया है कि इस सहयोग समझौता ज्ञापन के तहत भारत और जापान के बीच सहभागिता और सहकार से जुड़ा एक संस्थागत तंत्र स्थापित होगा। इसके तहत जापान में 14 निर्दिष्ट क्षेत्रों में काम करने के लिए ऐसे कुशल भारतीय कामगारों को भेजा जाएगा जिन्होंने अनिवार्य कुशलता योग्यता प्राप्त करने के साथ ही जापानी भाषा की परीक्षा पास कर ली है। इसमें कहा गया है कि इन भारतीय कामगारों को जापान सरकार की ओर से ‘निर्दिष्ट कुशल कामगार’ नाम की एक नई सामाजिक स्थिति (न्यू स्टेटस ऑफ रेजिडेंस) प्रदान की जाएगी।

इसके तहत एक संयुक्त कार्य बल का गठन किया जाएगा जो इस सहयोग समझौता ज्ञापन का अनुपालन सुनिश्चित करेगा। सहभागिता समझौता ज्ञापन भारत और जापान के लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाएगा और भारत के कामगारों और कुशल पेशेवरों को जापान भेजने में मदद करेगा। 

इसमें कहा गया है कि इस सहयोग समझौता ज्ञापन (एमओसी) से नर्सिंग देखभाल, इमारतों की सफाई, सामग्री प्रसंस्करण उद्योग, औद्योगिक मशीनरी निर्माण उद्योग, इलेक्ट्रिक एवं उद्योगों से संबद्ध इलेक्ट्रॉनिक सूचना, निर्माण, पोत निर्माण एवं पोत से संबद्ध उद्योग, वाहनों का रखरखाव, विमानन, अस्थाई आवास मुहैया कराने, कृषि, मत्स्य पालन, खाद्य वस्तुएं एवं पेय निर्माण उद्योग और खान-पान सेवा उद्योग जैसे 14 क्षेत्रों में कुशल भारतीय कामगारों के लिए जापान में रोजगार के अवसर निर्मित होंगे।

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