जान जोखिम में डाल, सिर पर झोला रख नदी पार कर स्कूल जा रहे नौनिहाल

बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार के द्वारा भले ही करोड़ों रुपए की योजनाएं बनी हो, लेकिन आज भी छत्तीसगढ़ की चर्चित और ऐतिहासिक  विधानसभा सीट मरवाही के आदिवासी अंचल मडवाही के बच्चो इनसे कोसों दूर हैं। नजारा मरवाही विधानसभा के ग्राम मडवाही मे देखने को मिला जहां आदिवासी अंचल के मासूम बच्चे हर रोज जान जोखिम में डालकर अपने भविष्य को संवारने के लिए बहते नदी को पार कर स्कूल जाने को मजबूर है। यहां पुल न होने के कारण लोगों की आवाजाही बाधित रहती है।

सवाल यह उठता है कि यदि कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। यहां के ग्रामीणों की माने तो जान जोखिम डालकर बहते नदी को पार कर बच्चे सिर में झोला रख कर स्कूल जाते है, हमें डर लगा रहता है कि कोई बच्चा बह ना जाए,पानी ज्यादा होने से नदी में भीग जाने से बच्चे बीमार हो जाते हैं। जिसके कारण बच्चे हफ्ता भर स्कूल भी नहीं जा पाते हैं। लोगों की आवाजाही बाधित रहती है और राशन का सामान भी लाने ले जाने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

गौरतलब है कि नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही बनने के बाद करोड़ों रुपए खर्च कर सरकार विकास के लाख दावे कर लें पर जिस प्रकार बच्चे नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर है, उससे प्रशासन की खुलती पोल नजर आ रही है।

(गौरेला पेड्रा मरवाही से प्रयास कैवर्त की रिपोर्ट)

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