जानें क्या है हनुमान जी की मृत्यु के पीछे का सच
ऐसा प्रसिद्ध है कि 7 पौराणिक चरित्र चिंरजीवी है । इनके नाम हैं – अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और भगवान परशुराम। अतः श्री हनुमान जी की मृत्यु नहीं हुई। वे अमर हैं।
हनुमानजी की मृत्यु नही हुई थी क्योकी उन्हे अमरता का वरदान मिला था ।
श्री रामचरित अनुसार माता सीता ने हनुमानजी को अशोक वाटिका मे प्रभु श्री राम के संदेश लाने पर अमरता का वरदान दिया था।
हनुमानजी की मृत्यु छू भी नही सकती, जिसका प्रमाण लंका दहन करते समय हनुमानजी ने दिया था,भीषण अग्नि का हनुमानजी पर कोई प्रभाव नही पड़ा था।
एक और पौराणिक मान्यता अनुसार हनुमानजी सप्त चिरंजीवी मे से एक है।