जानिए International Day of Happiness क्यों मनाया जाता है साथ ही इसका महत्व

नई दिल्ली : हर साल 20 मार्च को International Day of Happiness मनाया जाता है। जहां इस दिन को मानाने का पूरा श्रेय संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार रहे जेमी इलियन को जाता है।
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लेकिन इस दिवस को मनाने का मकसद नजरिए में बदलाव करना है। देखा जाए तो दुनिया को इस बात का एहसास दिलाना है कि सिर्फ आर्थिक विकास ही ज़रूरी नहीं बल्कि लोगों की खुशहाली और सुख को बढ़ाना भी बेहद महत्वपूर्ण है।

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क्या है इस डे का महत्व –

आखिर क्या है यह International Day of Happiness? वही यह खुश रहने का दिन है। जहां खुश रहने का कोई एक दिन नहीं होता लेकिन इंसानी ज़िन्दगी और सभ्य समाज में खुशाली कितनी ज़रूरी है यह दिन इसी की याद दिलाता है। और साल 2013 से संयुक्त राष्ट्र हर साल इस दिवस को मनाता आ रहा है ताकि दुनिया भर में रह रहे लोगों की ख़ुशी के महत्व को ज़ाहिर किया जा सके।

जहां इसके अलावा यह दिवस समावेशी, न्यायोचित और संतुलित आर्थिक विकास की ज़रूरत पर बल देता है जिससे सतत तरक्की, गरीबी उन्मूलन और सभी की खुशहाली व सुख को सुनिश्चित किया जा सके।

इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस की थीम –

हर साल International Day of Happiness की एक विशेष थीम होती है. इस बार की थीम है- “Happier Together”. यानी कि “एकसाथ खुश “. इस थीम का मकसद उन चीज़ों की ओर ध्यान देना है जो हम में एक जैसी हैं बजाए उसके जो हमें आपस में बांटती हैं। हर कोई खुश रहना चाहता है और जब हम साथ होते हैं तब ज़िन्दगी ज़्यादा खुशहाल होती है।

इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस का इतिहास –

संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने 12 जुलाई 2012 को अपने प्रस्ताव 66/281 के तहत हर साल 20 मार्च को International Day of Happiness मनाने का ऐलान किया है। यह प्रस्ताव समाज सेवी, कार्यकर्ता और संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार रहे जेमी इलियन की अथक कोशिशों का परिणाम था।

जहां उन्होंने ही इस दिवस की अवधारणा और रूप रेखा बनाई है। उनका मकसद एक ऐसा प्रस्ताव लाना था जो ख़ुशी की तलाश को मानवीय अधिकारों और बुनियादी लक्ष्य में शामिल कर सके। जेमी इलियन ने जब International Day of Happiness का आइडिया दिया तब उन्हें संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन मुखिया बान की मून का भरपूर समर्थन मिला है।

यही नहीं यूएन के सभी 193 देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है। जहां इस प्रस्ताव को भूटान ने पेश किया है। भूटान एक ऐसा देश है जो 1970 से ही राष्ट्रीय आय की तुलना में राष्ट्र की खुशहाली को तरजीह देता आया है।

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