जानिए तेजी से बढ़ रहा है लिवर का ये रोग, तो ऐसे रखें सेहत का खास ध्यान…

नई दिल्ली : फैटी लिवर एक ऐसा रोग है जो शरीर में अधिक फैट बनने के कारण होता हैं। वहीं साल 2018 की तुलना में इस साल गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) के मामलों में वृद्धि हुई है। लेकिन अभी तक कोई निश्चित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं ,  लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हर महीने फैटी लिवर रोग के कम से कम 10 से 12 नए मामले सामने आते हैं।

 

लीवर

 

 

 

बता दें की सभी प्रकार के नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) घातक नहीं होते हैं। जहां इनकी अनदेखी आगे चलकर परेशानी का सबब बन सकती है। जहां एक बार पता लगने के बाद, रोगी को यह जानने के लिए आगे के परीक्षणों से गुजरना होता है कि लिवर में जख्म या सूजन तो नहीं है। वहीं लिवर की सूजन के लगभग 20 प्रतिशत मामलों में सिरोसिस विकसित होने की संभावना होती है।

 

 

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देखा जाये तो हेल्थ केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ.के.के. अग्रवाल का कहना है कि नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) ऐसे लोगों को प्रभावित करती हैं, जो शराब नहीं पीते हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है, इस स्थिति की मुख्य विशेषता लिवर में बहुत अधिक फैट का जमा होना है. एक स्वस्थ लिवर में कम या बिल्कुल भी फैट नहीं होना चाहिए।

दरअसल उन्होंने आगे कहा, ‘नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) वाले लोगों में हृदय रोग विकसित होने की अधिक संभावना रहती है और यह उनमें मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक है. वजन में लगभग 10 प्रतिशत की कमी लाने से फैटी लिवर और सूजन में सुधार हो सकता है।

खास ध्यान रखे इन बातो का –

फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा से भरपूर वनस्पति आधारित आहार का सेवन करें। यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो प्रत्येक दिन खाने वाली कैलोरी की संख्या कम करें और अधिक व्यायाम करें।  वजन नॉर्मल है तो स्वस्थ आहार का चयन करके और व्यायाम करके इसे हेल्दी बनाए रखने की कोशिश करें।  सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम करें। हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश करें।

 

 

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