जानिए कौन है ये ‘योगी’, जिसे अपनी सभाओं में लेकर जा रहे हैं अखिलेश यादव…

3 मई, 2019. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बाराबंकी में चुनावी सभा कर रहे थे. इस दौरान उनके साथ मंच पर एक योगी भी मौजूद थे। भगवा कपड़े पहने हुए हैं।

 

अखिलेश

 

 

दूर से कोई देखे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गलतफहमी में आ जाए. रैली में पहुंचे जो लोग मंच के काफी पीछे थे, वो हैरान-परेशान हो गए ,  लेकिन अखिलेश यादव ने खुद ही सच बता दिया। लेकिन अखिलेश यादव ने पूरी बात नहीं बताई. बाराबंकी रैली के अगले दिन यानी कि 4 मई को उन्होंने एक ट्वीट भी किया हैं।

 

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बता दें की इस ट्वीट से भी साफ नहीं हो सका कि ये कौन हैं. दी लल्लनटॉप ने जब थोड़ी तफ्सील से उन्हें खोजा तो मिल गए. पता चला कि इनका नाम है सुरेश ठाकुर। रहने वाले लखनऊ के कैंट इलाके के हैं।

 

वहीं अपने नाम के पीछे ‘योद्धा’ तखल्लुस लगाते हैं। वहीं सुरेश ठाकुर ने 16 अप्रैल को लखनऊ लोकसभा सीट से मौलिक अधिकार पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भी किया था।लेकिन  बाद में उनका पर्चा खारिज हो गया। जहां इसके ठाकुर ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया हैं।

 

सुरेश ठाकुर ने दी लल्लनटॉप को बताया कि वो अंबेडकर पार्क लखनऊ में नौकरी करते थे. जनवरी, 2018 में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने 5500 कर्मचारियों को निकालने का फरमान जारी कर दिया हैं।

 

इसके बाद सुरेश ठाकुर के नेतृत्व में 10 जनवरी, 2018 को कर्मचारियों ने विकास प्राधिकरण का घेराव किया. दबाव बढ़ा तो एलडीए ने कर्मचारियों को निकालने का आदेश वापस ले लिया, लेकिन आंदोलन करने की वजह से सुरेश ठाकुर को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा हैं।

सुरेश ठाकुर बताते हैं कि उनके खिलाफ गोमती नगर थाने में 2014 में एक मुकदमा दर्ज हुआ था. उसमें फाइनल रिपोर्ट लग गई थी। इसलिए उन्होंने एफिडेविट में इस केस का जिक्र नहीं किया था और इसी को आधार बनाकर चुनाव आयोग ने उनका पर्चा खारिज कर दिया।

 

वहीं सुरेश ठाकुर ने बताया कि पर्चा खारिज होने के बाद अब वो समाजवादी पार्टी के साथ हैं और गठबंधन को जीत दिलाने के लिए काम कर रहे हैं।

 

दरअसल चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट में सुरेश ठाकुर ने बताया है कि उनका पेशा पत्रकारिता है। पढ़ाई-लिखाई सिर्फ हाई स्कूल तक है. उनकी पत्नी सरकारी नौकरी में हैं. पत्नी का नाम सरिता वर्मा है. सुरेश ठाकुर के पास कोई गाड़ी नहीं है। लेकिन उनके खिलाफ किसी बैंक का कोई बकाया भी नहीं है।

लेकिन अब सुरेश ठाकुर समाजवादी पार्टी के साथ हैं। जहां अखिलेश यादव उनको लेकर प्रचार कर रहे हैं और कुछ लोग सुरेश ठाकुर को योगी आदित्यनाथ समझने की भूल भी कर रहे हैं।

 

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