जानिए कर्जदाता जेट एयरवेज के खिलाफ पहुंचे कोर्ट , बढ़ सकती हैं कई मुश्किलें…

करीब 2 महीने से अस्‍थायी तौर पर उड़ान सेवाएं बंद हो चुकी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं.  शमन वील्स प्राइवेट लिमिटेड और गग्गर एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने कंपनी के खिलाफ NCLT में दिवालिया याचिका दायर की है.

 

जेट एयरवेज

 

 

 

बता दें की ये दोनों कंपनियां अपना पैसा रिकवर करना चाहती हैं. अगर कोर्ट में इन्हें स्वीकार कर लिया जाता है तो जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंक भी इस प्रक्रिया से जुड़ सकते हैं.

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दरअसल  दोनों कंपनियों की याचिका पर एनसीएलटी की मुंबई बेंच 10 जून को सुनवाई करेगी. वहीं मुंबई की शमन व्हील्स नई और पुरानी पैसेंजर गाड़ियां और लॉरी, ट्रेलर, सेमी-ट्रेलर बेचती है. जबकि अहमदाबाद की गग्गर एंटरप्राइजेज जेट एयरवेज को पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर की सप्लाई करती थी.

 

जहां कई ऑपरेशनल क्रेडिटर्स ने जेट एयरवेज को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) यानी दिवाला कानून के तहत नोटिस भेजे हैं, जब इन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू होगी तो उसमें वे भी शामिल हो सकती हैं.

 

देखा जाये तो कर्ज में डूबी जेट एयरवेज बीते कई महीनों से मुश्किलों के भंवर में है. जेट एयरवेज के लगभग सभी बड़े अधिकारी इस्‍तीफा दे चुके हैं. वहीं जेट एयरवेज के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पा रही है.

 

दरअसल कंपनी नतीजे घोषित करने की स्थिति में भी नहीं है. यही नहीं, बीते दो महीने से जेट एयरवेज की उड़ान सेवाएं भी बंद हैं. इस वजह से जेट एयरवेज के स्‍लॉट दूसरी एयरलाइन कंपनियों को दे दिया गया है. कंपनी के आर्थिक संकट का फायदा इंडिगो और स्‍पाइसजेट को मिल रहा है.बता दें कि जेट एयरवेज पर करीब 8500 करोड़ रुपये का कर्ज है.

 

 

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