जानिए इस साल बजट में सरकारी बीमा कंपनियों की हालत सुधारने के लिए क्या होगा बड़ा एलान…

सरकारी बीमा कंपनियों की हालत सुधारने के लिए सरकार पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट में एक महत्वपूर्ण घोषणा कर सकती है। सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के सुदृढ़ीकरण के लिए इनकी वित्तीय हालत में सुधार करना होगा जिसके लिए करीब 13,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।

बतादें की  सरकार सुदृढ़ीकरण के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। इन विकल्पों में सभी सरकारी साधारण बीमा कंपनियों का विलय न्यू इंडिया एश्योरेंस में करना भी शामिल है। माना जा रहा है कि ऐसा करने से कंपनियों का हर दृष्टि से मूल्यवर्द्धन हो सकेगा।

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वहीं वित्त मंत्रालय के अंतर्गत विनिवेश का काम देखने वाले निवेश और सरकारी परिसंपत्ति विभाग (दीपम) सरकारी साधारण बीमा कंपनियों के कुछ शेयरों को बेचने पर भी काम कर रहा है। सूत्रों के अनुसार इन बीमा कंपनियों में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी शामिल हैं।
जहां सरकार चाहती है इन साधारण बीमा कंपनियों का सुदृढ़ीकरण जल्द हो क्योंकि यह मामला बीते एक साल से लंबित है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इनके विलय से पहले इनमें 12 से 13 हजार करोड़ रुपये डालने की जरूरत होगी जिससे उनकी वित्तीय हालत सुधर सके और वे विलय के लिए योग्य हो सकें।
दरअसल संभव है कि आगामी बजट में इन बीमा कंपनियों के लिए इस आवश्यक पूंजी का प्रावधान हो। 2018-19 के बजट में इन कंपनियों के विलय की बात कही गई थी। लेकिन कई कारणों के चलते विलय को अंजाम नहीं दिया जा सका। इन कारणों में कंपनियों की कमजोर वित्तीय हालत भी शामिल रही।

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