जानवरों से सच्चा प्यार है तो आएं तिनसुकिया, मिलेगा दिली सुकून

सेवन सिस्टर्स कहे जाने वाला भारत की पूर्वाचल हिस्सा अपनी खूबसूरती कारण देश का दिल कहा जाता है। यह भारत के वन्यजीवन, मनोरंजन और शिक्षा का एक शानदार मिश्रण कहे जाते हैं। इन्हीं राज्यों में एक स्थान है तिनसुकिया जो अपनी सुंदरता और मनमोहक वातावरण के कारण देश में नंबर वन स्थान पर है। आइये तिनसुकिया के बारे में कुछ रोचक बातें जानते हैं।

भेरजान बोराजान

आप डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान से महज 6 किमी की दूरी पर स्थित भेरजान बोराजान पदुमोनी अभयारण्य की भी सैर कर सकते हैं। इसे बनाने के लिए 3 जंगलों को एक साथ मिलाया गया। यह अभयारण्य लगभग 7.22 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है, जो सैलानियों को काफी ज्यादा आकर्षित करने का काम करता है। यहां पर आपको पक्षियों की 84 प्रजातियां देखने को मिलेगी। इस सेंचुरी में आप तेंदुआ, उड़ने वाली गिलहरी, तोते की लोरिस प्रजाति आदि को देख सकते हैं।

डिगबोई

प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थलों के अलावा आप यहां के कुछ अन्य स्थलों का भी भ्रमण कर सकते हैं। डिगबोई असम के सबसे खास भारत के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक है, जिसका कारण है तेल रिफायनरी। पेट्रोलियम रिफायनरी के लिए डिगबोई पूरे विश्व में जाना जाता है। जानकारी के अनुसार यहां ऐशिया का सबसे पहला तेल का कुंआ खोदा गया था। डिगबोई के अन्य आकर्षणों में आप यहां 18 गड्ढों वाले गोल्फ कोर्स को भी देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां वार सिमेट्री और संग्रहालय भी देख सकते हैं।

डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान

आप यहां घूमने की शुरुआत यहां के उद्यान डिब्रू-सैखोवा से कर सकते हैं। यह एक राष्ट्रीय उद्यान है। जिसका क्षेत्रफल 600 वर्ग किमी है। यह असम का सबसे बड़ा वन्यजीव उद्यानों में शुमार है। समृद्ध जैव विविधता के मामले में यह पार्क विश्व के 19वें बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट में भी शामिल है। इस उद्यान की समुद्र तल से ऊंचाई 118 मीटर है। जो यहां आए सैलानियों को काफी रोमांचक लगती है। इस राष्ट्रीय उद्यान में आप रॉयल बंगाल टाइगर, जंगली बिल्ली, तेंदुआ, सांभर, हाथी आदि जैसे जीवों को आसानी से देख सकते हैं। इनसब के अलावा यहां पर पक्षियों की 350 प्रजातियां पाई जाती हैं।

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