जहानगंज में तेजी से फैल रहा बुखार, हालात बेकाबू

उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर भले ही करोड़ों खर्च कर रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के आगे सब कुछ फेल है। जहानगंज में इन दिनों बुखार ने पांव पसार दिए हैं। 2 सैकड़ा से अधिक गांव वाले विचित्र बुखार से पीड़ित  है। उनका कानपुर या अन्य बाहरी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। कई लोग ऐसे हैं जो दवाएं लाकर घरों में ही आराम कर रहे हैं। ज्यादा हालत खराब होने पर फर्रुखाबाद निजी अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। अधिकांश लोगों की प्लेटलेट्स कम हो रही हैं। इसलिए डॉक्टर डेंगू बता रहे हैं। यही नहीं बड़ी संख्या में लोगों को टाइफाइड और मलेरिया भी निकल रहा है।

जहानगंज में तेजी से फैल रहे बुखार से हालात बेकाबू हो रहे हैं। बीमारी का सबसे बड़ा कारण गांव में सफाई न होना है। गांव की आबादी लगभग 3000 से अधिक है गांव की सफाई केवल कागजों में हो रही है गांव में एक सफाई कर्मचारी तैनात है। जो 3000 आबादी पर अपर्याप्त है। नालियों में मच्छरों के लारवा पैदा हो रहे हैं ना तो दवाई का छिड़काव हो रहा है ना गांव में सफाई करवाई जा रही है। गांव में 4 तालाब है जिनकी ना तो सफाई होती है ना ही पानी निकालने की कोई व्यवस्था है तालाब का पानी गलियों में भरा हुआ है जिससे लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। अभी तक करीब 2 सैकडा से अधिक लोग बीमार हैं। कई घरों में चार-चार लोग बुखार की चपेट में हैं। परेशान परिजन निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। अधिकांश लोगों की प्लेटलेट्स कम हो रही हैं। इसलिए डॉक्टर डेंगू बता रहे हैं। यही नहीं बड़ी संख्या में लोगों को टाइफाइड और मलेरिया भी निकल रहा है।गांव में करीब 20 दिन पहले बुखार फैलने लगा था। उस वक्त कुछ लोगों को बुखार आया, तो प्लेटलेट्स कम होने लगीं। इस पर उन्होंने इलाज करवा लिया।

गांव में पैथोलॉजी बुखार पीड़ितों की जब जांच करते हैं, तो अधिकांश की प्लेटलेट्स संख्या 50 हजार तक आ रही हैं। उन्हें डेंगू बुखार निकल रहा है। कुछ मरीज टाइफाइड और मलेरिया के भी आ रहे हैं। 10 दिन में बुखार के मरीजों की जांच संख्या तेजी से बढ़ी है।गांव के एक निजी अस्पताल में करीब 50 मरीजों का इलाज चल रहा है। लोगों को भर्ती करके ड्रिप चढ़ाई जा रही हैं। स्थिति यह है कि लोग ड्रिप चढ़वाकर घर जा रहे हैं। कई बीमारों के घरों में भी ड्रिप चढ़ रही हैं।गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। यहां न तो बुखार की जांच करने की सुविधा है और न ही दवाएं उपलब्ध हैं। इससे गरीब मरीजों को भी निजी अस्पताल में महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है।  बिढैल गांव में विचित बुखार से 1 बच्चे की और मौत हो गयी है। बुखार से जिले में बुखार से 40 से अधिक हो करीब मौतें हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग दवाई व जाँच के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है।

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