
छह महीने पहले सरकार बनाने वाली कांग्रेस को जन भावना के सैलाब ने ऐसा डुबोया कि सीटों की संख्या जीरों पर पहुंच गई। वहीं भाजपा पर भरपूर प्यार लुटाते हुए 24 सीटों से नवाजा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लक्ष्य बनाकर प्रचार, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट जैसे दिग्गज भी कांग्रेस को एक सीट तक नहीं दिला पाए। सत्तारूढ़ पार्टी के हाथ खाली रहने से, प्रदेश में सरकार तो सर्वाधिक सीटें का डेढ़ दशक से चला आ रहा ये ट्रेंड भी टूट गया। वर्ष 2014 की तरह फिर नरेंद्र मोदी का एक तरफा जादू चला और वे सभी पर भारी पड़ गए।
2014 के चुनाव में भाजपा ने सभी 25 सीटें जीतकर इतिहास रचा था, इस नतीजे से पहले फिर से यही इतिहास दौहराएगा, इस पर शक हो रहा था। लेकिन जनता ने भाजपा की झोली में सभी 24 सीटें डाल दी। एनडीए गठबंधन की एक सीट नागौर से रालोपा ने जीत का झंडा लहराया। भाजपा की गठबंधन की चाल कांग्रेस के खिलाफ तुरुप का पत्ता साबित हुई। भाजपा ने राजस्थान में गठबंधन कर नागौर सीट जाट समाज के बड़े नेता रालोपा के प्रमुख हनुमान बेनीवाल के लिए खाली की। भाजपा ने बेनीवाल के जरिए प्रदेश के सबसे बड़े जाट वोट बैंक को साधने का सफल प्रयास किया।
पायलट नहीं बचा पाए गढ़
विधानसभा चुनाव में टोंक सीट से विधायक बनकर उप मुख्यमंत्री बने सचिन पायलट टोंक-सवाईमाधोपुर सीट भी कांग्रेस को नहीं जिता पाए। यहां से भाजपा के प्रत्याशी सांसद सुखबीर सिंह जोनपुरिया ने दूसरी बार जीत दर्ज की। उन्होंने यूपीए में मंत्री रहे नमोनारायण मीणा को हरा दिया।
भाजपा के प्रत्याशी डॉ महेंद्र पांडेय ने दी गठबन्धन प्रत्याशी संजय चौहान को करारी हार
राजस्थान
कुल सीटें: 25
भाजपा+ कांग्रेस अन्य
2019 25 00 00
2014 25 00 00
2009 04 20 01
जो देश में लहर चली, वही राजस्थान में भी नजर आई। प्रदेश में ऐतिहासिक परिणाम भाजपा के स्थानीय नेतृत्व के कारण नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी के कारण हासिल हुए हैं। राजस्थान सहित देश की जनता ने केंद्र सरकार के काम और विजन पर विश्वास जताया है। शासन में इतनी पकड़ रही कि गरीब जनता को सरकारी योजनाओं के लाभ मिले, जिससे लगभग हर तबके ने मोदी सरकार को वापस केंद्र में बैठाने के लिए मतदान किया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताकत ने भी देशवासियों को भाजपा से जोड़ दिया। मोदी सरकार की छवि साफ-सुधरी रही और मंत्री भी भ्रष्टाचार के आरोप से दूर रहे। इस कारण राजस्थान में राज्यवर्धन राठौड़ हों या अर्जुनराम मेघवाल सभी केंद्रीय मंत्री वापस चुनकर संसद में जा रहे हैं।