जर्जर घरों में रहने को मजबूर लोग, प्रशासन कर रहा हादसे का इतंजार

अपने घर की जर्जर हालत से परेशान सुनील बोरा

नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में एक बार फिर से प्रशासन की लापरवाही के चलते एक मकान का पिछला हिस्सा थरथरा कर गिर गया। राहत की बात यह रही कि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

नैनीताल कई लोग अपने घर की जर्जर हालत से परेशान हैं। उन्होंने कई बार नगर पालिका प्रशासन को अपने घर की खस्ता हालत के बारे में बताया और घर के पुर्ननिर्माण करवाने की अनुमति भी मांगी, परन्तु नगर पालिका प्रशासन ने इस ओर ध्यान नही दिया। वह जब घर के पुर्ननिर्माण के लिये नैनीताल प्राधिकरण गये तो वहां भी उन्हे हाई कोर्ट का हवाला देकर घर के पुर्ननिर्माण को मना कर दिया गया।

बता दें कि नैनीताल में कई मकान खतरे की जद में हैं। जिनका पुर्ननिर्माण बेहद जरुरी है। नगर पालिका प्रशासन और प्राधिकरण जर्जर हो चुकी इमारत पर हाई कोर्ट का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। एक ओर नैनीताल में जहां कमर्शियल बिल्डिंग प्रतिबधिंत होने के बाद भी बन रही है, तो वहीं दूसरी ओर आम जनता को अपने घर की जर्जर हालत से परेशान है, वह मकानों की मरम्मत और पुर्ननिर्माण के लिये प्रशासन का मुहं ताकना पड़ रहा है। जर्जर हो चुकी इमारतों के बार बार गिर जाने के डर से और प्रशासन के दोगले व्यवहार को लेकर स्थानीय लोंगो में प्रशासन के प्रति रोष बना हुआ है।

इस पूरे मामले में नगरपालिका के अधिशासी अभियंता रोहिताश शर्मा का कहना है कि नगर में ऐसे 100 से अधिक मकानों को नोटिस दिया गया है। जो कि जर्जर हालत में है। नगरपालिका का साफ-साफ कहना है कि मकानों को ध्वस्त करना व नक्शों को स्वीकृत करना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है यह प्रक्रिया झील विकास प्राधिकरण की है। हमारा अधिकार तो केवल लोगों को सचेत करना है।

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