चुनाव आयोग ने यूपी बोर्ड परीक्षा रोकी, जल्द चुनाव की है दस्तक

चुनाव आयोगलखनऊ। चुनाव आयोग ने 2017 की यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा की तिथियां घोषित करने के कुछ घंटे बाद ही इस फैसले पर रोक लगा दी। आयोग माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा बिना अनुमति के परीक्षा कार्यक्रम घोषित किए जाने से नाराज है। आयोग ने बोर्ड के अधिकारियों को शुक्रवार को दिल्ली तलब किया है। आयोग ने यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी को भी बुलाया है। आयोग की ओर से मुख्य सचिव राहुल भटनागर को पत्र लिख आपत्ति जताई गई। इसे प्रदेश में चुनाव की आहट भी माना जा रहा है।

दरअसल, कुछ सियासी दल प्रदेश में विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च या फिर अप्रैल-मई में होने की बयानबाजी करते रहे हैं। माना जा रहा है कि शुक्रवार को बोर्ड परीक्षा की नई तिथियां घोषित की जाएंगी। गुरुवार को बोर्ड की सचिव शैल यादव ने परीक्षा तिथियां घोषित की थीं। इस बारे में मुख्य चुनाव अधिकारी टी.वेंकटेश ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बिना मुझसे विचार-विमर्श के यह कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इस बारे में सूचित भी नहीं किया गया।
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माध्यमिक शिक्षा प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार के मुताबिक आज चुनाव आयोग के साथ बैठक में बोर्ड परीक्षा की तारीखों पर चर्चा होगी। उम्मीद है कि शुक्रवार को ही परीक्षा तिथियां घोषित हो जाएंगी।

वर्ष 2007 में पहले बोर्ड की परीक्षाएं हुई थीं और उसके बाद विस चुनाव हुए थे। 2007 में अप्रैल-मई में सात चरणों में चुनाव करवाए गए थे, जबकि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 6 मार्च से शुरू होकर अप्रैल की शुरुआत तक चली थीं।

’यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा में 60 लाख से अधिक छात्र-छात्रएं शामिल होंगे। 10वीं में 34, 04, 471 व 12वीं में 26,24,681 लाख रेगुलर और प्राइवेट परीक्षार्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है।
’वर्ष 2012 में पहले चुनाव हुए थे उसके बाद बोर्ड की परीक्षाएं करवाई गई थीं। विस चुनाव सात चरणों में 8 फरवरी से 3 मार्च 2012 के बीच हुए थे। चुनाव के बाद हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं 16 मार्च से शुरू करवाई गई थीं।

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