चीन की कमर तोड़ने की भारत ने करी कुछ इस तरह तैयारी
कोरोना महामारी के बाद चीन से भारत के विवाद पर चल रहे तनाव के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। पर इसी बीच भारत सरकार ने चीन को एक बार फिर सबक सीखाने की ठान ली है। चीन तो पहले से ही बौराया है जब से भारत में सभी चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसी विषय को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्रीज के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेटिव्स योजना की शर्तों को पहले से कई हद तक सरल बना दिया है। जो कंपनियां मेडिकल उपकरण व दवाइयों का कच्चा माल बनाती थी उन सभी के लिए PLI के अंतर्गत न्यूनतम जरुरत की सीमा हटा दी गई है। पीएलआई की योजना को और बहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार फार्मा इंडस्ट्री से लगातार बात कर रही है।
बतादें कि केंद्र सरकार ने PIL के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों को 30 नवंबर 2020 तक की छूट दे रखी है। सरकार का कहना है कि यह छूट नियमों के बदलाव के कारण दी जा रही है। बताया जा रहा है कि इस विषय को लेकर पिछले सप्ताह नीति आयोग के प्रमुख अमिताभ कांत के साथ अन्य सरकारी विभागों की बैठक हो चुकी है। जिसके बाद इस नियम को लागू करने का फैसला किया गया।
सूत्रों के अनुसार भारत के फार्मास्युटिकल विभाग ने इस नए नियम को लागू करने के लिए कहा है ताकि भारत की चीन पर निर्भारता ना रह सके। साथ ही सरकार ने 37 थोक दवाओं के निर्माताओं के लिए 20-50 करोड़ रुपये की आधार सीमा सुनिश्चित कर दिया है। गौरतलब है कि पहले यह रकम इससे कई गुना ज्यादा होती थी। बतादें कि पहले तीन साल के लिए मेडिकल डिवाइस प्लांट्स की आधार सीमा कुछ 180 करोड़ रुपये हुआ करती थी।